शादी के बाद भी करती रही पढ़ाई, 3 साल बाद अफसर बहू गांव लौटी तो ऐसे हुआ स्वागत

गोपालगंज. यह कहानी एक महिला के जुनून की है। अगर कुछ करने का जज्बा हो, तो शहर-गांव का परिवेश कोई आड़े नहीं आता। प्रमिता सिंह इसका उदाहरण हैं। वे अपनी ससुराल से दूर रहकर दिल्ली में UPPSC की तैयारी करती रही थीं। 2017 में उन्होंने एग्जाम क्लियर किया। अब वे यूपी में असिस्टेंट कमिश्नर हैं। प्रमिता सिंह धनतेरस के पहले ढाई-तीन साल बाद अपनी ससुराल लौटीं, तो उनका गांववालों ने जबर्दस्त स्वागत किया। उनके स्वागत में मानों पूरा गांव उमड़ पड़ा। प्रमिता की ससुराल गोपालगंज जिले के कुचायकोट के जलालपुर गांव में है। प्रमिता की शादी 2016 में दुर्गेश सिंह से हुई थी। दुर्गेश बिजनेसमैन हैं। शादी के बाद प्रमिता सिंह ने पढ़ाई करने की इच्छा जताई थी। पति ने उनका पूरा सहयोग हुआ। उन्होंने प्रमिता को पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा। वहां वे हॉस्टल में रहीं। प्रमिता ने 2017 में UPPSC क्लियर किया।

Asianet News Hindi | Published : Oct 25, 2019 5:49 AM IST / Updated: Oct 25 2019, 11:22 AM IST
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शादी के बाद भी करती रही पढ़ाई, 3 साल बाद अफसर बहू गांव लौटी तो ऐसे हुआ स्वागत
दरअसल, जॉब लगने के बाद प्रमिता सिंह अपनी ससुराल नहीं आ सकीं। लेकिन कुछ दिन पहले वे ससुराल पहुंचीं। यह जानकारी जब गांववालों को पता चली, तो उन्होंने प्रमिता सिंह का जबर्दस्त स्वागत करने की ठानी। प्रमिता सिंह के गांव पहुंचने पर लोग बाहर निकल आए। रास्ते में फूल बिछाए। फिर उन्हें एक गाड़ी से ससुराल तक यूं ले गए, जैसे कोई राजा-महाराजा आया हो।
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अपना यूं स्वागत देखकर प्रमिता सिंह भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा कि अगर ससुरालवाले नहीं चाहते, तो शायद वे अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पातीं। प्रमिता सिंह अपनी ससुराल का उदाहरण देकर कहती हैं कि लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। महिलाएं भी घर का नाम रोशन कर सकती हैं।
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प्रमिता के पति तीन भाई और दो बहने हैं। प्रतिमा गोरखपुर की रहने वाली हैं। प्रमिता के ससुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि बहू ने शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखने की इच्छा जताई थी। उन्होंने अपनी बेटियों और बहू में कोई अंतर नहीं समझा। उन्हें खुशी है कि बहू ने उनका नाम रोशन किया। प्रमिता के स्वागत में गांव के स्कूल के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए।
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प्रमिता सिंह के पिता जयप्रकाश खुशी जाहिर करते हैं-'शिक्षा ही सबकुछ है। इसलिए उन्हेांने हमेशा अपने बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया।' वे बताते हैं कि प्रमिता ने MBA किया था। लेकिन शादी के बाद भी उसकी पढ़ने की इच्छा थी।
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