बिहार तक महसूस की जा सकती है कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर की आंच, विपक्ष ने दिए ऐसे रिएक्शन

पटना (Bihar) । यूपी के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया है। इस कुख्यात अपराधी के एनकाउंटर की बिहार तक देखी जा रही है। हर कोई इस अपराधी को लेकर चर्चा कर रहा है। विकास दुबे का एनकाउंटर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की क्राइम के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति करार दिया जा रहा है और इसकी खूब तारीफ हो रही है। बता दें कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्ती सीएम नीतीश की यूएसपी है, जिसको लेकर सीएम नीतीश की आज भी तारीफ होती है और इसी छवि की वजह से वे पिछले 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज हैं। लेकिन, वहीं अब दूसरी तरफ से योगी सरकार और यूपी पुलिस पर विपक्षी दलों के हमले शुरू हो गए हैं। एनकाउंटर की खबर के पहले आधे घंटे में ही अखिलेश यादव, जितिन प्रसाद , तेज प्रताप यादव, जयंत चौधरी ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए पुलिस और सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। इनके अलावा आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल खड़ा किया है। एक सुर में सभी का यही कहना है कि राज छुपाने के लिए विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 10, 2020 8:04 AM IST / Updated: Jul 10 2020, 01:39 PM IST

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बिहार तक महसूस की जा सकती है कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर की आंच, विपक्ष ने दिए ऐसे रिएक्शन


तेज प्रताप यादव ने कहा कि ट्टीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि सरकार को पलटने से बचाने के लिए कार का पलटना जरूरी था।
 

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अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा है कि यह कार पलटी नहीं है बल्कि राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।
 

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प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्टीट में लिखा है कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि पूरे मामले की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।

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कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद ने ट्वीट करके कहा है कि सरकार से लोग न्याय की उम्मीद करते हैं बदले कि नहीं। यही सिपाही और अपराधी में फर्क होता है।
 

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उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले पर ट्वीट किया है और कहा है कि Dead men tell no tales #VikasDubey।
 

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राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी ने ट्वीट करके कहा है कि देश के सभी न्यायाधीशों को इस घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ठोक दो राज में न्यायालय की जरूरत ही नहीं है। जयंत चौधरी ने यह भी कहा कि 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के असली अपराधियों को बचाने के लिए यह सब ड्रामा रचा गया है।

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आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट करके सवाल पूछा है कि इतनी हड़बड़ी क्या थी, किसे बचाया जा रहा है। जाहिर है एनकाउंटर को लेकर अब राजनीतिक रस्साकशी बढ़ेगी।
 

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