DDLJ@25: 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के वो 7 सीन जो आपने कभी नहीं देखे होंगे, इस वजह से नहीं आए सामने

मुंबई। 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (Dilwale Dulhania Le Jayenge) बॉलीवुड की सबसे लंबे वक्त तक चलने वाली फिल्म है। 20 अक्टूबर, 1995 को रिलीज हुई इस फिल्म को 25 साल पूरे हो चुके हैं। यह फिल्म मुंबई के मराठा मंदिर में 1009 हफ्तों (करीब 20 साल) तक चली थी। फिल्म में ऐसे कई सीन हैं, जिन्हें दर्शकों ने एक नहीं बल्कि बार-बार देखा है। हालांकि बावजूद इसके फिल्म में कुछ ऐसे सीन भी शूट किए गए थे, जिनसे दर्शक आज तक अनजान हैं या यूं कहें कि ये उन तक कभी पहुंचे ही नहीं। मसलन, चाहे सिमरन का कुलजीत को मल्हम लगाने वाला सीन हो या फिर बलदेव सिंह का सिमरन को स्टेशन छोड़ने जाना। ऐसे कई सीन हैं, जो फिल्म के लिए शूट तो हुए थे लेकिन बाद में किसी वजह से इन्हें हटा दिया गया। इस पैकेज में हम बता रहे हैं DDLJ के उन्हीं 7 सीन्स के बारे में।

Asianet News Hindi | Published : Oct 19, 2020 3:13 PM IST
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DDLJ@25: 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के वो 7 सीन जो आपने कभी नहीं देखे होंगे, इस वजह से नहीं आए सामने

मसलन, चाहे सिमरन का कुलजीत को मल्हम लगाने वाला सीन हो या फिर बलदेव सिंह का सिमरन को स्टेशन छोड़ने जाना। ऐसे कई सीन हैं, जो फिल्म के लिए शूट तो हुए थे लेकिन बाद में किसी वजह से इन्हें हटा दिया गया। इस पैकेज में हम बता रहे हैं DDLJ के उन्हीं 7 सीन्स के बारे में।

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सीन नंबर 1 : गोरा बनने के लिए सिमरन का स्टीम लेना - फिल्म के इस सीन में सिमरन यानी काजोल गोरा बनने के लिए मुंह छुपाकर स्टीम लेती नजर आती हैं। इस पर उनकी मां कहती हैं- तुझे क्या जरूरत है अपना रंग साफ करने की, और साफ हो भी गया तो तुझे कौन सा क्वीन एलिजाबेथ बनना है। अपने देश ही तो वापस जाना है ना। वहां गेहूं जैसा रंग बहुत पसंद करते हैं। जैसे तेरा है। हालांकि ये सीन आपने फिल्म में नहीं देखा होगा, क्योंकि इसे शूट करने के बाद डिलीट कर दिया गया था।

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सीन नंबर 2 : पूजा के लिए सिमरन का लेट हो जाना - इस सीन में सिमरन के पिता बलदेव सिंह चौधरी यानी अमरीश पुरी, उनकी वाइफ और छोटी बेटी पूजा करते नजर आते हैं। हालांकि सिमरन पूजा के लिए लेट हो जाती है लेकिन वो भागती-भागती आती है। बाद में डोरबेल बजती है तो बलदेव सिंह दरवाजा खोलने चले जाते हैं। तभी सिमरन की छोटी बहन चुटकी उसे ताना मारते हुए कहती है-फिर से लेट, वैरी बैड। फिल्म में ये सीन आपने नहीं देखा होगा।

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सीन नंबर 3 : बलदेव सिंह का सिमरन को स्टेशन छोड़ने जाना - सिमरन जब यूरोप ट्रिप पर जाती है तो उसके पिता बलदेव सिंह उसे छोड़ने स्टेशन आते हैं। वो सिमरन से कहते हैं- मैं जानता हूं बेटा कि तुम बड़ी हो गई हो। अपने अच्छे-बुरे में फर्क कर सकती हो। फिर भी पहली बार तुम इतनी दूर, इतने दिनों के लिए जा रही हो। इसलिए दिल डरता है कि कहीं कोई ऐसी-वैसी बात न हो जाए। बस बेटा- मेरे भरोसे को कभी शर्मिंदा मत करना।

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सीन नंबर 4 : राज और सिमरन का टैरेस वाला सीन - इस सीन में सिमरन रात में छुपते हुए टैरेस पर राज से मिलती है। यहां राज (शाहरुख) सिमरन (काजोल) से कहता है- सिमरन तुम मेरा इम्तिहान क्यों ले रही हो। सबकी सहमति है सिर्फ तुम्हारे बाप को छोड़कर। एक ढंग का बाप नहीं चुन सकती थीं तुम। सारे के सारे बापों में तुम्हें एक यही बाप मिला। तुम नहीं जानती कि उनका और मेरा कितना पुराना रिश्ता है। मैं 100 तीर्थ यात्राएं भी कर लूं तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

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सीन नंबर 5 : सिमरन का कुलजीत को मल्हम लगाना - सिमरन को इम्प्रेस करने के लिए राज को कुलजीत से मार खानी थी। लेकिन यहां उल्टा हो जाता है। यानी राज कुलजीत को खूब मारता है। पिटाई से कुलजीत बिस्तर पर पड़ा रहता है। इसके बाद सिमरन मल्हम लेकर आती है और राज और कुलजीत के दोस्तों के सामने ही उसे मल्हम लगाती है। सिमरन कहती है- कितनी बेदर्दी से मारा है। सारे बदन पर नील पड़ गए हैं। वहीं दूसरी ओर कुलजीत की बहन प्रीति (मंदिरा बेदी) भी राज को मल्हम लगाने लगती है।

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सीन नंबर 6 : लाजो का पति को सिमरन के प्यार वाली बात बताना - इस सीन में सिमरन की मां लाजो अपने पति से सिमरन और राज के प्यार वाली बात बता देती है। लाजो कहती है- आपने मुझसे पूछा था कि सिमरन उसे भूली है कि नहीं और मैंने कहा था कि वो आहिस्ता-आहिस्ता सब भूल जाएगी। मैं गलत थी। वो उसे भूली नहीं है। वो उससे अब भी बहुत प्यार करती है। अगर सिमरन उसे इतना प्यार करती है, तो आपको नहीं लगता कि हमें एक बार उससे पूछ लेना चाहिए। शायद लड़का बहुत ही अच्छा हो। लाजो की ये बातें सुन बलदेव सिंह भड़क जाते हैं और कहते हैं- सिमरन से ज्यादा आज तुमने मुझे शर्मिंदा किया है।

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सीन नंबर 7 : राज का सिमरन और दूसरे लोगों को कहानी सुनाना - इस सीन में राज सिमरन को कहानी सुना रहा है। लड़का बिल्कुल अकेला खड़ा हुआ था। ट्रेन चलने वाली थी, सीटी भी बज चुकी थी। तभी लड़की दिखाई दी। दूर से भागी चली आ रही थी। ट्रेन चलने लगी छुक-छुक छुक-छुक। लड़की भी उसके साथ भागने लगी और फिर उसने अपना हाथ बढ़ाया। लड़के ने उसका हाथ पकड़कर खींच लिया। इतने में सिमरन की चाची ने पूछा- आगे क्या हुआ। इस पर राज ने कहा- आगे एक बुड्ढा आ गया। लड़की का बाप।

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