फ्रेश कॉन्सेप्ट के जरिए हमारी संस्कृति का बखान
सभी जानते हैं कि फिल्म का कॉन्सेप्ट भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है। कहानी देवों के अस्त्र और ब्रह्मास्त्र की है। एक तरह से देखा जाए तो यह सनातन संस्कृतियों और परंपराओं से भागती युवा पीढ़ी को वापस उसकी संस्कृति के तरफ लाने की एक अच्छी कोशिश है। फिल्म में हीरो दो बार अपने वरिष्ठ और गुरू के चरण स्पर्श करता नजर आता है। इस तरह के दृश्य फिल्म को परिवार के साथ देखने लायक बनाते हैं। वैसे भी फिल्म में छोटे से किसिंग सीन के अलावा कुछ भी ऐसा नहीं हैं जो परिवार के साथ देखने गए दर्शकों को आपत्तिजनक लगे।