मजदूरों के पैदल जाने से सरकार पर भड़के जावेद अख्तर, बोले-ट्रेन रोकना ठीक नहीं

मुंबई. कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है, लेकिन लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार प्रवासी मजदूरों और गरीब लोगों पर पड़ी है। देशभर से दिल दहला देने वाली फोटोज सामने आ रही है। मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल ही यात्रा करके अपने घरों के लिए जा रहे हैं। ऐसी तस्वीरें दिल्ली, मुंबई और गुजरात से ज्यादा सामने आ रही हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2020 2:40 AM IST

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मजदूरों के पैदल जाने से सरकार पर भड़के जावेद अख्तर, बोले-ट्रेन रोकना ठीक नहीं

मजदूरों के पैदल घर की तरफ निकलने के पीछे की बड़ी वजह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पूरी तरह बंद होना भी है। अब प्रवासी मजदूरों के ये हालात देखकर जावेद अख्तर का भी गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने ट्वीट कर इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। 

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जावेद ने प्रवासी मजदूरों के लिए सवाल उठाते हुए ट्वीट किया और लिखा, '30 जून तक ट्रेन नहीं चलाने का क्या मतलब है? प्रवासी मजदूर वापस अपने घर जाना चाहते हैं और वापस जाने का उन्हें पूरा अधिकार भी है।'

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जावेद आगे लिखते हैं, 'लेकिन विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग सस्ती लेबर को जाने नहीं देना चाहता। गलत तरीके से उनके रास्ते को रोकने की कोशिश करके हम उन्हें बंधुआ मजदूरी में बदलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं?'

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हालांकि, सरकार लगातार प्रवासी मजदूरों की समस्या हल करने के लिए नए कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है। 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त की भी जानकारी दी है। इसके बाद पीएम मोदी ने विश्वास जताया है कि इससे प्रवासी मजदूरों को भी लाभ मिलेगा। 

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इसके साथ ही रेहड़ी और पटरी पर दुकान लगाने वालों को सरकार ने 10 हजार रुपए का लोन देने की भी घोषणा की है। घोषणा में ये भी कहा जा रहा है कि लोगों को लोन बिना गारंटी के दिया जाएगा। 
 

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वहीं, ये भी ऐलान किया गया है कि प्रवासी मजदूरों को पीएम आवास योजना के तहत किराए के घर मुहैया कराए जाएंगे।

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