रेखा ने अपनी चिट्ठी में लिखा था-मेरी ऐश! तुम्हारे जैसी महिला जो अपनी आत्मा की आवाज पर चलती है, किसी बहती हुई नदी की तरह है, कभी स्थिर नहीं रहती। वह जहां जाती है, बिना दिखावे के रहना चाहती है। तुम्हारी कही बातों को लोग भूल सकते हैं, वो ये भी भूल सकते हैं कि आपने क्या किया लेकिन वो ये कभी नहीं भूलेंगे कि आपने उन्हें कैसा फील कराया।