संघर्ष के दिनों में किस्मत और पत्नी दोनों ने छोड़ा था एक्टर का साथ, करना चाहता था सुसाइड, ऐसे बदला सबकुछ

मुंबई. बॉलीवुड के वर्सेटाइल एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpai) 52 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 23 अप्रैल,1969 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेलवा गांव में हुआ था। मनोज ने 1994 में आई फिल्म द्रोहकाल से बॉलीवुड डेब्यू किया था। तब से अब तक 27 साल के करियर में उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लेकिन उनके लिए यहां तक का सफर तय करना आसान नहीं था। उन्होंने यहां तक पहुंचने में खूब पापडड बेलने पड़े। संघर्ष के दिनों में वे इतना हार गए थे कि सुसाइड तक करने की सोचने लगे थे। लेकिन फिर कुछ दोस्तों की वजह से उनकी किस्मत पलटी। बता दें कि मनोज ने स्ट्रगलिंग के दौरान दिल्ली की एक लड़की से शादी की थी लेकिन यह शादी लंबे समय तक नहीं चल पाई और 2 महीने में ही दोनों अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने फिल्म करीब (1998) से डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस नेहा ने 2006 में शादी की। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 23, 2021 6:47 AM IST

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संघर्ष के दिनों में किस्मत और पत्नी दोनों ने छोड़ा था एक्टर का साथ, करना चाहता था सुसाइड, ऐसे बदला सबकुछ

फिल्मों में विलेन, कॉमेडी से लेकर सीरियस रोल करने वाले मनोज बाजपेयी ने इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आज भले ही वो जानामाना चेहरा हैं, लेकिन उनका यहां तक सफर इतना आसान नहीं था।

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मनोज ने अपनी स्कूली पढ़ाई राजा हाईस्कूल, बेतिया जिले से की। इसके बाद वह सत्यवती कॉलेज गए, फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से ग्रैजुएट किया। 

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उन्होंने एक इंटरव्यू में उस दौर के बारे में बताया था जब उनके मन में आत्महत्या जैसा ख्याल भी आया था। उन्होंने बताया था कि वो हमेशा से ही हीरो बनना चाहते थे, जिसके चलते 17 साल की उम्र में ही बिहार स्थित अपना बेतिया गांव छोड़कर वो दिल्ली आ गए थे। यहां आकर उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के बारे में सुना था।

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मनोज ने फिर एनएसडी में एडमिशन लेने का मन बनाया लेकिन एनएसडी में दाखिले के लिए 3 बार फॉर्म भरा, पर किसी वजह से तीनों बार रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया था कि जब वो रिजेक्ट हुए तो ऐसा लगा कि उनका सपना टूट गया और वो खुदकुशी करने वाले थे।

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मनोज ने बताया था कि इस मुश्किल दौर में उनके दोस्त काम आए और दोस्तों ने उनका ख्याल रखा। उसी दौरान रघुवीर यादव के कहने पर उन्होंने बैरी जॉन की वर्कशॉप ज्वॉइन की। 

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बैरी जॉन मनोज के टैलेंट से इतने इंप्रेस हुए कि उन्हें अपना असिस्टेंट बना लिया। वहीं मनोज की हिम्मत लौटी और उन्होंने कुछ सालों बाद एनएसडी में फिर से आवेदन किया और इस बार उन्हें सफलता मिली।

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फिल्मों में उन्हें पहला मौका शेखर कपूर ने दिया था। 1994 में  फिल्म बैंडिट क्वीन से फिल्मी करियर की शुरुआत की लेकिन उन्हें पहचान मिली 1998 में रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या से। फिल्म सत्या और शूल के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला है। फिल्म पिंजर के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला।

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बता दें कि नेहा और मनोज की पहली मुलाकात फिल्म करीब के रिलीज के बाद हुई थी। नेहा की फिल्म करीब और मनोज की फिल्म सत्या एक साथ ही रिलीज हुई थी। हालांकि, ये उनकी दूसरी शादी है। उनकी पहली शादी दिल्ली की एक लड़की के साथ हुई थी। लेकिन दोनों के बीच रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला और तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने एक्ट्रेस नेहा से शादी की।

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मनोज ने दस्तक, दौड़, प्रेम कथा, शूल, फिजा, एलओजी कारगिल, वीर-जारा, बेवफा, फरेब, दस कहानियां, एडिट फैक्टरी, राजनीति, गैंग्स ऑफ वासेपुर, स्पेशल 26, सत्याग्रह, तेवर, नाम शबाना, बागी 2, अय्यारी, सूरज पे मंगल भारी जैसी कई फिल्मों में काम किया है।

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