जब नरगिस का इंटरव्यू लेने में बेहद घबरा रहे थे सुनील दत्त, फिर ऐसे जीता था संजय दत्त की मां का दिल

मुंबई। वेटरन एक्टर और संजय दत्त के पिता सुनील दत्त (Sunil Dutt) अगर जिंदा होते तो 92 साल के हो जाते। 6 जून, 1929 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जन्मे सुनील दत्त ने महज 5 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। जब वो 18 साल के हुए तो भारत-पाकिस्तान का बंटवारा होने लगा। सभी हिंदुओं को पाकिस्तान से भगाया जा रहा था और उनका बेरहमी से कत्ल किया जा रहा था। जैसे-तैसे सुनील दत्त का परिवार पाकिस्तान से भागकर लखनऊ पहुंचा और फिर कुछ दिनों के लिए यहीं बस गया। शुरुआती पढ़ाई के बाद सुनील दत्त ने मुंबई से अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 6, 2021 7:20 AM IST

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जब नरगिस का इंटरव्यू लेने में बेहद घबरा रहे थे सुनील दत्त, फिर ऐसे जीता था संजय दत्त की मां का दिल

पढ़ाई के साथ ही साथ सुनील दत्त ने ट्रांसपोर्टेशन कंपनी में नौकरी कर ली थी। इसके अलावा सुनील दत्त ने कॉलेज के थिएटर ग्रुप में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। एक बार प्ले के दौरान रेडियो प्रोग्रामिंग के हेड की नजर सुनील दत्त पर पड़ी। उन्होंने सुनील की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें फौरन रेडियो में नौकरी का ऑफर दे दिया।

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सुनील दत्त रेडियो के लिए हिंदी फिल्मों के स्टार्स का इंटरव्यू लिया करते थे, जिसके लिए उन्हें हर महीने 25 रुपए तनख्वाह मिलती थी। रेडियो की नौकरी के दौरान सुनील दत्त को एक बार नरगिस का इंटरव्यू करना था। नरगिस उस समय बेहद पॉपुलर हुआ करती थीं, जबकि सुनील दत्त एक आम इंसान थे। 

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इंटरव्यू के दौरान नरगिस को देखते ही सुनील इतने घबरा गए कि उनकी जुबान से कोई सवाल ही नहीं निकला। नरगिस उनका हाल समझ गईं और उन्हें खुद सहज महसूस करवाने की कोशिश में लग गईं। एक्ट्रेस द्वारा कम्फर्टेबल किए जाने के बाद सुनील उनका इंटरव्यू ले सके। उस समय दोनों ही इस बात से अनजान थे कि आगे चलकर किस्मत उन्हें एक करने वाली है। 

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सुनील दत्त 1953 में एक फिल्म के लिए दिलीप कुमार का इंटरव्यू लेने पहुंचे थे। यहां डायरेक्टर रमेश सहगल की नजर उन पर पड़ी। रमेश सुनील की पर्सनालिटी और आवाज से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी अगली फिल्म रेलवे प्लेटफार्म में सुनील को काम दे दिया। ये फिल्म 2 साल बाद 1955 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के डायरेक्टर रमेश सहगल ने ही बलराज दत्त को उनका नया नाम सुनील दत्त दिया था। 

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रेलवे प्लेटफार्म से बॉलीवुड डेब्यू करने वाले सुनील दत्त को अगली फिल्म 'मदर इंडिया' मिली। यहां उनकी मुलाकात एक बार फिर नरगिस से हुई। इस फिल्म में नरगिस ने उनकी मां का रोल निभाया था। ये फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी, जिसके बाद सुनील को देशभर में पहचान हासिल हो चुकी थी।
 

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जिस नरगिस के सामने सुनील दत्त एक घबराए हुए शख्स बनकर रह गए थे उन्हें अपनी फेवरेट एक्ट्रेस के सामने हीरो बनने का मौका भी मिला। दरअसल मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान नरगिस आग में फंस गई थीं। सुनील दत्त ने जैसे ही नरगिस को मुसीबत में देखा वे उन्हें बचाने के लिए आग में कूद गए। नरगिस को बचाने के चक्कर में खुद सुनील दत्त आग में झुलस गए। हालांकि, इस वाकये के बाद नरगिस भी सुनील दत्त को पसंद करने लगी थीं।

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मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान नरगिस राज कपूर से हुए ब्रेकअप से उबरने की कोशिश में थीं और सुनील दत्त उन्हें इंप्रेस किए जा रहे थे। सेट पर नरगिस की जान बचाने के बाद से ही नरगिस और सुनील अच्छे दोस्त बन गए। इस एहसान का बदला नरगिस ने सुनील दत्त की बहन को अस्पताल ले जाकर चुकाया। नरगिस ने खुद एक्टर की बहन का ऑपरेशन करवाया, जिससे दोनों और करीब आ गए।
 

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एक दिन नरगिस को घर छोड़ते वक्त सुनील दत्त ने उन्हें प्रपोज करने की सोची। सुनील सोच चुके थे कि अगर नरगिस उनका प्रपोजल रिजेक्ट करेंगी तो वो सब कुछ छोड़कर अपने गांव चले जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नरगिस तुरंत शादी के लिए राजी हो गईं। साल 1958 में दोनों ने शादी कर ली। इनके तीन बच्चे बेटा संजय दत्त, बेटी नम्रता और प्रिया हैं। 

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