9/11 Attack : अमेरिका सहित पूरी दुनिया को हुआ था अरबों डॉलर का नुकसान, भारत के व्यापारियों ने खरीदा था मलबा

अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर  9/11 हमले के बाद चीन- भारत के व्यापारियों ने हजारों टन मलबा खरीदा था। इस लोहा और स्टील को रिसाइकल कर नई इमारतों बनाने,अन्य कार्या में इस्तेमाल किया गया था। हमले में अनेक देशों को करोड़ों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2021 7:35 AM IST / Updated: Sep 11 2021, 01:22 PM IST

17
9/11  Attack : अमेरिका सहित पूरी दुनिया को हुआ था अरबों डॉलर का नुकसान, भारत के व्यापारियों ने खरीदा था मलबा

बिजनेस डेस्क । अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर  9/11 हमले को 20 साल हो गए हैं। 11 सितंबर 2001 की सुबह के 8 से 9 बजे के बीच का वक्त जब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में चहल-पहल बढ़ रही थी, इसी दौरान  दुनिया की गगनचुंबी इमारतों में शुमार की जाने वाली  अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में सुबह तकरीबन  8 बजकर 45 मिनट पर अचानक भूंकप के भारी झटके जैसा महसूस हुआ, देखते ही देखते पूरी बिल्डिंग आग के गोले में तब्दील हो गई, इसके बाद  सैकड़ों मीटर के दायरे में धूल--धुंध फैल गया , जिसमें  हजारों लोगों की  लाशों का ढेर लग गया।

27

9/11 हमले में भारी आर्थिक नुकसान
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हमले में पूरी दुनिया को नुकसान हुआ था। जानकारी के मुताबिक 110-मंजिला ट्विन टॉवर्स के अलावा इन बिल्डिगों के आसपास मौजूद दुनिया के कई देशों के बड़े ऑफिस, बिजनेस अपार्टमेंट, धव्स्त हो गए थे। इस स्थान पर मौजूद 3 डब्लूटीसी (WTC) और वर्ल्ड फाइनेंशियल सेंटर कॉम्प्लेक्स और सेंट निकोलस ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च सहित कई इमारतें तबाह हो गईं या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुईं। इस आतंकी हमले में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। अकेले डब्ल्यूटीसी में नष्ट हुई पेंटिग्स की कीमत 10 करोड़ डॉलर थी। यहां से 18 लाख टन मलबा हटाने में करीब 9 महीने का समय लगा था। 
 

37

40 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान
अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले को 20 साल पूरे हो गए हैं। इस हमले में हजारों को लोगों की मौत के अलावा तकरीबन 40 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था। हमले में न्यूयॉर्क शहर में स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीसी) की दो गगनचुंबी इमारतें पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी।
 

47

एक सप्ताह में शेयर मार्केट को 14 खरब डॉलर का नुकसान
इन हमलों का संयुक्त राज्य अमेरिका और विश्व बाजार पर एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव हुआ था। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवायएसई (NYSE)), अमेरिकी शेयर बाजार (एएमईएक्स (AMEX) और नैसडैक (NASDAQ)) 11 सितंबर को नहीं खुले थे और 17 सितंबर तक बंद रहे। जब शेयर बाजार फिर से खुले तो इनमें बड़ी गिरावट आ गई थी। अमेरिका की कई कंपनियों ने एक सप्ताह में 14 खरब डॉलर का नुकसान उठाया था।

57

जेट फ्यूल की गर्मी को नहीं झेल पाई इमारत
वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर को स्‍टील से निर्मित किया गया था, इसकी उन्नत डिजाइन ऐसी थी कि यह 200 मील प्रति घंटे से चलने वाली हवाओं को झेल सकता था, बड़े भूकंप को झेलने की क्षमता इसमें थी। भीषण आग भी इसको क्षति नहीं पहुंचा सकती थी।  लेकिन यह बिल्डिंग जेट फ्यूल की गर्मी को  झेल नहीं पाई थी। इस वजह से पूरी- की पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई थी। विश्व के सबसे बड़े व्यावसायिक केन्द्र के रूप में विख्यात अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को वर्ष 1973 में 75 करोड़ डॉलर की लागत से बनाया गया था। इसके परिसर में सात इमारतों का ग्रुप मौजूद था। इस हमले में सभी इमारतें जमीदोंज हो गई थी। 

67

3 हजार से ज्यादा लोगों गंवाई जान
 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के इस हमले को आंतकी संगठन अलकायदा के 19 आतंकियों ने अमेरिका में  4 एयरोप्लेन को हाईजैक कर लिया था। दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टॉवर्स से सीधे टकरा दिया गया था।
इस हमले में अमेरिका का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था,  जिसमें  3 हजार के करीब लोगों की मौत हुई थी, इस हमले में  6 हजार के करीब लोग घायल हुए थे।
तीसरे विमान से पेंटागन पर हमला किया गया था।  अमेरिका के उत्तरी वर्जीनिया के पेंटागन में  स्थित रक्षा विभाग,के ऑफिस में हुए  इस हमले में 184 लोग मारे गए थे।  
चौथा हाईजैक किया हुआ प्लेन पेन्सिलवेनिया के  खेतों में क्रैश हुआ था। इस घटना में 40 लोगों की मौत हुई थी। 

77

 चीन और भारतीय व्यापारियों ने हजारों टन मलबा खरीदा
इस हमले के बाद चीन और भारतीय व्यापारियों ने हजारों टन मलबे को खरीदा था। इस मलबे से निकले लोहा और स्टील को रिसाइकल कर नई इमारतों बनाने और अन्य कार्या में इस्तेमाल किया गया था। इस मलबे को निकालने में सालों लग गए थे। 
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos