Corona Fact check: क्या अजीम प्रेमजी ने दान किए हैं 50 हजार करोड़ रुपए? कंपनी ने बताई सच्चाई
बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस देश भर में मामले शनिवार को बढ़कर 873 हो गए और संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत हो गई है। इस वक्त देश में पैदा हुए मुश्किल हालत में सभी किसी न किसी तरह से देश की मदद कर रहे हैं। इस समय मदद के लिए कई बिजनसमैन भी सामने आ चुके हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 50 हजार करोड़ का दान किया है। लेकिन इस वायरल दावे की सच्चाई क्या है आइए जानते हैं:
Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2020 7:30 AM IST / Updated: Mar 28 2020, 01:10 PM IST
इसमें कोई दो राय नहीं है कि अजीम प्रेमजी दानवीरों के लिस्ट में सबसे आगे रहतें हैं और उन्होंने 50 हजार करोड़ का दान किया भी है। लेकिन यह दान कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नहीं है। बल्कि, एक साल पहले मार्च 2019 में अजीम प्रेमजी ने विप्रो में अपनी हिस्सेदारी का 34 पर्सेंट( 52750 करोड़ रुपये) दान करने का फैसला किया था।
इस समय जब दुनिया कोरोनोवायरस से लड़ाई लड़ रही है, इसी बीच अजीम प्रेमजी का ये 50,000 करोड़ रुपए वाले दान का मैसेज वायरल हुआ यहां तक की कई मीडिया संस्थानों ने भी इसे पब्लिश भी किया। हालांकि, इस बात का सच्चाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। CNBC ने जब उनकी कंपनी से जब इस वायरल दावे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ने कहा, “यह ऐलान मार्च 2019 में हुआ था। आज ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।”
विप्रो के संस्थापक प्रेमजी अपने नाम, दौलत और साथ ही अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं। वह आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए पहले भी दान करते आए हैं।
फोर्ब्स के एक रिपोर्ट के अनुसार उनके पास 1.5 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। और वो दुनिया के 55वें सबसे अमीर कारोबारी हैं। इनकी कुल संपत्ति देश की जीडीपी का 0.7% है। सबसे बड़ी बात यह है कि इनकी कुल संपत्ति 4.14 लाख किलो सोने की कीमत के बराबर है।
अजीम हाशिम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को हुआ था। उनके पिता एक प्रसिद्ध व्यापारी थे और उन्हें बर्मा के राइस किंग के नाम से जाना जाता था। अजीम प्रेमजी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अजीम प्रेमजी ने यासमीन से शादी की है और उनके दो बच्चों हैं: ऋषद और तारिक प्रेमजी। अभी, बड़े बेटे रिशद प्रेमजी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन हैं।
अजीम प्रेमजी ने साल 2000 में ''दि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन'' नामक एक NGO बनाया था। फाउंडेशन का मुख्य काम भारत में शिक्षा में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है, इस NGO के स्थापना के एक दशक बाद अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने भारत के 150 से अधिक NGO को फंड करती है।
2005 में, भारत सरकार ने उन्हें बिजनेस क्षेत्र में अपने योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था उन्हें वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है।
2019 में अजीम प्रेमजी को फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया में सबसे बड़ा 'दानवीर' बताया गया था। उसी साल, अजीम प्रेमजी को एशिया के सबसे उदार परोपकारी व्यक्ति के रूप में भी नामित किया गया था। उन्हें वर्ष 2004 और 2011 में टाइम मैगजीन द्वारा 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से दो बार सूचीबद्ध किया गया है।
गौरतलब है कि, भारत में कोविड-19 के मामले शनिवार को बढ़कर 873 हो गए और संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह साढ़े नौ बजे अपने ताजा आंकड़ों में दो और लोगों की कोविड-19 से मौत होने की जानकारी दी है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अब भी 775 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि 78 लोग या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और एक व्यक्ति यहां से चला गया है।