Published : Mar 15, 2020, 06:12 PM ISTUpdated : Mar 15, 2020, 06:33 PM IST
फैक्ट चेक: 5 मार्च को आरबीआई ने घोषणा की कि वह यस बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिनों के लिए अपने हाथों में ले रहा है। RBI के अनुसार यस बैंक की वित्तीय स्थिति में गंभीर गिरावट के कारण उसे यह कदम उठाना पड़ा। इसके बाद RBI ने 3 अप्रैल तक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 45 के तहत यस बैंक पर moratorium लगा दिया। जिसके बाद यस बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी सीमा 50,000 रुपये प्रति दिन कर दी गई थी।
इस बीच सोशल मीडिया पर एक ग्रफिक पोस्टर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में चार कंपनियों का नाम बताया जा रहा है जिनके मालिक कथित तौर पर कांग्रेस के नेता हैं। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है की ये नेता येस बैंक के विलफुल डिफॉल्टर्स हैं। इस पोस्ट में जिन 4 कंपनियों का नाम है वो इस प्रकार हैं- “Full Innovations” जिसके मालिक पी. चिदंबरम, ‘Young Indian’ राहुल और सोनिया गांधी, जिंदल स्टील नवीन जिंदल (Congress MP) और 'रहमत फाउंडेशन' जिसके मालिक अहमद पटेल हैं। दावे के अनुसार, इन कंपनियों का यस बैंक पर क्रमश: 40,000 करोड़ रुपये, 70,000 करोड़ रुपये, 49,000 करोड़ रुपये और 80,000 करोड़ रुपये बकाया है।
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ये ग्रफिक पोस्टर हो रहा है वायरल
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ये ट्वीट भी हो रहा है वायरल
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अब सवाल उठता है कि, क्या ये वायरल पोस्टर सच है? हमनें इस दावे की सच्चाई जानने की कोशिश की और कई मीडिया रिपोर्ट्स देखने पर भी हमे इन चार कंपनियों का कहीं कोई जिक्र नहीं मिला। इसके अलावा हमें वित्त मंत्री का एक वीडियो मिला जिसमें निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही हैं जहां उन्होंने उन कंपनियों का जिक्र किया है, जिन्हें यस बैंक ने उधार दिया था। इन कंपनियों के लिस्ट में रिलायंस ग्रुप, एस्सेल ग्रुप, डीएचएफएल, आईएल एंड एफएस और वोडाफोन-आइडिया का नाम शामिल है।
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द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल अंबानी समूह की नौ कंपनियों का यस बैंक पर 12,800 करोड़ रुपये का एनपीए है। जबकि सुभाष चंद्र के एस्सेल समूह के 16 कंपनियों का बैंक पर 8,400 करोड़ रुपये का 'बैड लोन' है। वहीं, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन और डीएचएफएल समूह के बेलिफ़ रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक से 4,735 करोड़ रुपये का लोन लिया है।
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इकोनॉमिक टाइम्स ने यस बैंक के बकाएदारों की एक लिस्ट बनाई है। इस लिस्ट में साफ है की अनिल अंबानी समूह ने कथित तौर पर यस बैंक से सबसे अधिक राशि लोन के तौर पर ले रखी है। अनिल अंबानी समूह की ऋण राशि 12,800 करोड़ रुपये है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस से जुड़ी चार कंपनियों को वायरल ग्राफिक में बताई गई राशि काल्पनिक है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने विशेष रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जिन कंपनियों का हवाला दिया था ये वो नाम थे जिनका बैंक पर सबसे ज्यादा कर्ज बकाया था।
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इसलिए ये दावा कि कांग्रेस नेताओं के स्वामित्व वाली चार कंपनियां - राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अहमद पटेल, पी. चिदंबरम और नवीन जिंदल - येस बैंक के प्रमुख विलफुल डिफॉल्टर्स थे, जिनके कारण हालिया संकट पैदा हुए पूरी तरीके से गलत हैं। पड़ताल में इनमें से दो कंपनी Full innovations और Rehmat Foundation के नाम भी नहीं मिले - जिनके मालिक कथित रूप से पी. चिदंबरम और अहमद पटेल थे। इसके अलावा वित्त मंत्री के बात से भी ये भी साबित होता है की यस बैंक में जिस कंपनी का सबसे ज्यादा पैसा बकाया है उनमें अनिल अंबानी समूह और सुभाष चंद्र की एस्सेल समूह शामिल हैं।