बच्चों के नाम से शुरू कर सकते हैं SIP, जानें 5000 मंथली इन्वेस्टमेंट करने पर मिलेगा कितना रिटर्न
बिजनेस डेस्क। आज के समय में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बेहद महंगी होती जा रही है। इसके अलावा दूसरे खर्च भी बढ़ते जा रहे हैं। जहां तक हायर एजुकेशन का सवाल है, इसमें बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। इसलिए अब अभिभावकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि बच्चों की शिक्षा और दूसरी जरूरतों के लिए पहले से ही बचत और निवेश शुरू करें। इससे बच्चों के बड़े होने तक फंड तैयार हो सकता है और उनके खर्चे पूरे किए जा सकते हैं। आजकल बैंकों में स्मॉल सेविंग्स पर रिटर्न काफी कम मिल रहा है। इसलिए बैंकों में निवेश करने पर बड़ा फंड तैयार नहीं किया जा सकता। फाइनेंशियल मामलों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ा फंड तैयार करने के लिए चाइल्ड म्यूचुअल फंड बेहतर ऑप्शन हो सकता है। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)
ऐसे कई फंड हाउस हैं जो बच्चों के लिए खास म्यूचुअल फंड ऑफर कर रहे हैं। इनमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए पैसा लगाया जा सकता है। सीबीआई, एक्सिस. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, टाटा और यूटीआई जैसे फंडों के बच्चों के लिए खास प्लान हैं। इनमें पिछले 15 से 20 साल के बीच 12 से 15 फीसदी सालाना रिटर्न मिला है। (फाइल फोटो)
यह कोई जरूरी नहीं है कि बच्चों के लिए खास फंड में ही निवेश किया जाए। दूसरे प्लान में भी बच्चों के लिए निवेश किया जा सकता है। पेरेंट्स दूसरे म्यूचुअल फंड्स में भी निवेश कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं। इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि अगर बच्चों के नाम से एसआईपी कर रहे हैं, तो निवेश का लक्ष्य कम से कम 15 साल का रहे। (फाइल फोटो)
एचडीएफसी (HDFC) चिल्ड्रन गिफ्ट फंड 2 मार्च, 2001 को लॉन्च हुआ था। लॉन्चिंग के बाद से रिटर्न 16.12 फीसदी तक रहा। इसमें 5000 रुपए मंथली एसआईपी (SIP) की 15 साल में वैल्यू 30 लाख रुपए हो जाती है। (फाइल फोटो)
आईसीआईसीआई (ICICI) प्रूडेंशियल चाइल्ड केयर फंड की लॉन्चिंग 31 अगस्त 2001 को हुईॉ। लॉन्चिंग के बाद से उसमें रिटर्न 15.48 फीसदी तक रहा है। इसमें 5000 रुपए मंथली एसआईपी (SIP) की 15 साल में वैल्यू 24 लाख रुपए हो जाती है। (फाइल फोटो)
एसबीआई (SBI) मैग्नम चिल्ड्रन बेनेफिट फंड की लॉन्चिंग 21 फरवरी, 2002 को हुई। लॉन्चिंग के बाद से इसमें रिटर्न 10.36 फीसदी मिला है। इस फंड में 5000 रुपए मंथली एसआईपी (SIP) की 15 साल में वैल्यू 20 लाख रुपए हो जाती है। (फाइल फोटो)
एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ चाइल्ड प्लान में इक्विटी और डेट के कम्पोजिशन के आधार पर निवेशकों को अलग-अलग ऑप्शन मिलते हैं। जोखिम नहीं लेने वाले निवेशकों के लिए ज्यादा डेट वाला पोर्टफोलियो चुनने का विकल्प, वहीं अग्रेसिव निवेशकों को अधिक इक्विटी वाले पोर्टफोलियो को चुनने का विकल्प इसमें मिलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चाइल्ड प्लान में लॉक-इन पीरियड होता है। इससे एक तय समय के पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं। इनमें 5 साल या बच्चे के एडल्ट हो जाने तक किया गया निवेश नहीं निकाल सकते हैं। (फाइल फोटो)