करेंगे ये सारे उपाय तो बुढ़ापे में नहीं रहेगी कोई टेंशन, 60 साल के पहले ही तैयार हो जाएगा बड़ा फंड
बिजनेस डेस्क। अब वैसे लोग जो प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, अक्सर 60 वर्ष की उम्र से पहले ही रिटायर हो जाते हैं। वहीं, सरकारी नौकरियों में वॉलियन्टरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) का ऑप्शन है। ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है, जो 60 साल की उम्र तक काम नहीं करना चाहते। लेकिन रेग्युलर पेंशन की व्यवस्था नहीं होने के कारण रिटायरमेंट के बाद उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए रिटायरमेंट के बाद होने वाली परेशानी और दूसरों पर आर्थिक निर्भरता से बचना है, तो इसके लिए काफी पहले से प्लानिंग करनी पड़ती है। ऐसी कई स्कीम है, जिसमें नौकरी करने के दौरान अगर इन्वेस्टेमेंट किया जाए तो रिटायरमेंट की उम्र तक अच्छा-खासा फंड तैयार हो जाता है। ऐसा होने पर बुढापे में किसी तरह की परेशानी नहीं होती। इसलिए समय रहते ऐसी जगहों पर निवेश जरूर शुरू कर देना चाहिए, जिससे आगे चल कर जरूरत के मुताबिक फंड तैयार हो सके।
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निवेश के लिए इक्विटी (Equity) बहुत रिस्की माना जाता है। इसलिए ज्यादातर लोग इससे दूर रहते हैं। हालांकि, इसमें रिटर्न सबसे ज्यादा मिलता है। अगर आप जल्दी निवेश शुरू करते हैं तो आपको निवेश के लिए काफी लंबा वक्त मिल सकता है। इससे आप कुछ ऐसे स्टॉक्स (Stocks) चुन सकते हैं, जो आगे चल कर तेजी से ग्रोथ कर सकते हों। (फाइल फोटो)
अपने मंथली इन्वेस्टमेंट का एक हिस्सा इक्विटी में निवेश करना चाहिए। इसके साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी एक स्टॉक में निवेश करने की बजाय कई स्टॉक में निवेश करें। (फाइल फोटो)
इन्वेस्टमेंट के लिए कई स्टॉक चुनते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे अलग-अलग सेगमेंट के हों। अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, तो इक्विटी के अलावा डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में भी निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश इक्विटी की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है। (फाइल फोटो)
इन्वेस्टमेंट के कई ऑप्शन हैं। आप चाहें तो बैलेंस्ड फंड Balanced Fund में एसआईपी (SIP) कर सकते है। इसके जरिए इक्विटी और डेट फंड, दोनों में निवेश होता है। इसमें निवेश करके रिटायरमेंट तक बड़ी राशि जुटाई जा सकती है। (फाइल फोटो)
एक उम्र के बाद सबसे ज्यादा खर्च हेल्थ को लेकर करना पड़ता है। इसे लेकर पहले से तैयारी करना जरूरी है। हेल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी खरीदना सबके लिए जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर दूसरे कामों के लिए की गई बचत कोई बीमारी होने पर लगानी पड़ती है। आजकल हेल्थ सर्विस बेहद महंगी हो गई है। इसलिए हेल्थ इन्श्योरेंस जरूर लें। यह सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि अपने जीवन साथी के लिए भी लें। (फाइल फोटो)
हेल्थ इन्श्योरेंस जितनी जल्दी खरीदेंगे, उतना बेहतर रहेगा। कम उम्र में हेल्थ इन्श्योरेंस लेने पर कम प्रीमियम देना पड़ता है। हेल्थ इन्श्योरेंस के मामले में एक खास बात ध्यान रखनी चाहिए कि इसे हर 5 साल में दोगुना कर दें। इसकी वजह लगातार बढ़ता अस्पतालों का खर्च है। (फाइल फोटो)
रिटायरमेंट की तैयारी करने के साथ ही एक इमरजेंसी फंड भी जरूर तैयार करें। इससे आपने रिटायरमेंट के लिए जो इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी अपना रखी है, उसे बीच में छोड़ना नहीं पड़ेगा। यानी निवेश किया गया विदड्रॉअल करने की नौबत नहीं आएगी। कम से कम 12 महीने के खर्च की आपात व्यवस्था होनी चाहिए। (फाइल फोटो)
अगर आप 55 वर्ष तक रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं, तो इस उम्र तक अपनी सभी लाइबिलिटीज को खत्म कर लें। लाइबिलिटीज में बच्चों की पढ़ाई, शादी से लेकर लोन भी हैं। अगर आपने कोई लोन लिया है, तो उसे रिटायरमेंट से पहले चुका दें। (फाइल फोटो)