जब खरबपति रतन टाटा भी आम लोगों की तरह सड़क पर दिखे थे चिंतित, आतंकी हमले से दहल गई थी मुंबई
मुंबई. देश में 11 साल पहले 26/11 का आतंकी हमला हुआ था। इस दिन को देश में इतिहास का सबसे काले दिन के तौर पर याद किया जाता है। 26/11 के मुंबई हमले में करीब 160 लोग मारे गए । इन मारे गए लोगो में देश के नागरिकों के अलावां विदेशी मेहमान भी शामिल थे। पाकिस्तानी आर्मी के संरक्षण में तैयार 10 लश्कर आतंकी पाकिस्तान के कराची से पानी के रास्ते मुंबई पहुंचे थे। मुंबई में इंट्री के बाद इन आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ताज होटल, कैफे Leopold, chabad House, Rang Bhavan Lane और st.Xavier's कॉलेज को निशाना बनाया।सौ साल से भी पूराने ताज होटल में हुए हमले में करीब 31 लोग मारे गए। ताज होटल के मुखिया रतन टाटा हमले के दौरान कई बार होटल के पास नजर आए । उनको इस दौरान काफी परेशान देखा गया।
Asianet News Hindi | Published : Nov 24, 2019 10:29 AM IST / Updated: Nov 24 2019, 06:04 PM IST
टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा इस घटना से काफी आहत हुए थे। हमले के दौरान भी वो होटल के पास बेचैन नजर आए थे।
मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले के इतने साल बाद भी लोग दर्द को भुले तो नहीं परन्तु शहर कहीं आगे बढ़ आया है।
ताज होटल को इस हमले से जान के साथ साथ अरबों का नुकसान भी हुआ था। हमले के बाद होटल को दोबारा बनाए जाने के लिए करीब 4 अरब रुपए खर्च हुए थे।
ताज होटल में हुए हमले में करीब 31 लागों की मौत हुई। तीन दिन तक चले मुठभेड़ में 2 एनएसजी और मुंबई पुलिस के ऑफिसर भी शहीद हुए थे।
ताज होटल को इस हमले से जान के साथ साथ अरबों का नुकसान भी हुआ था। हमले के बाद होटल को दोबारा बनाए जाने के लिए करीब 4 अरब रुपए खर्च हुए थे।
रतन टाटा ने होटल ताज में मारे गए 31 कर्मचारियों और मेहमानों की याद में साल 2009 में एक 12 फीट ऊंची स्मारक का अनावरण किया था, जिस पर उनके नाम को अंकित किया गया है।
26/11 आतंकी हमले के बाद ताज होटल के सुरक्षा कवच को और मजबूत किया गया, जिसमें आधुनिक तकनीकी को शामिल किया गया।
रतन टाटा ने एक समारोह के दौरान मुंबई हमले को याद करते हुए कहा था कि, '' मैं इतना आहत हुआ था कि मेरी आवाज खराब हो गई थी जिसे ठीक होने में 6 महिने लग गए थे। मैं उन सभी लोगों से मिलने हॉस्पिटल और घर गया जो हमले में घायल हुए थे। उनमें से ज्यादातर लोगों का बिल तक भरने वाला कोई नहीं था। मैने सहयता के लिए एक ट्रस्ट बनाकर मदद पहुंचाने की कोशिश की।''
ताज होटल में हमले के दौरान होटल में 1000 मेहमान और करीब 500 कर्मचारी काम पर थे। दो रात और तीन दिन तक ये सभी होटल में फंसे रहे थे।
साल 1903 में बने लग्जरी ताज होटल को 26/11 के हमले बाद 2 साल बाद दोबारा खोला गया।
मुंबई पर हुए इस हमले से पूरा शहर कांप उठा था। कभी न थमने वाली मुंबई कई दिनों तक ठप हो गई थी।
मुंबई में हुए हमले में करीब 160 लोग मारे गए जिसमें देश के नागरिक समेत भारत में आए विदेशी मेहमान भी शामिल थे।
100 साल से भी पूराने इस होटल को दोबारा तैयार तो कर लिया गया लेकिन होटल के साथ पूरा शहर आज भी उस दर्दनाक घटना को भुला नहीं पाता।