Post Office की इस योजना में जुटा सकते हैं लाखों का फंड, मेच्योरिटी के बाद भी इन्वेस्टमेंट बढ़ाने की सुविधा
बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में हर आदमी आर्थिक संकट की परेशानी से जूझ रहा है। ऐसे समय में छोटी बचत भी बड़े काम की साबित होती है। इस संकट से यह सीख मिलती है कि हर इंसान के लिए बचत करना जरूरी है। भले ही किसी की आमदनी कम हो, लेकिन उसमे से बचत जरूर करनी चाहिए। कहा गया है कि बूंद-बूंद ही घड़ा भरता है। इसलिए अगर आप छोटी बचत से ही निवेश शुरू करेंगे, तो आगे चल कर आपके पास एक बड़ा फंड तैयार हो जाएगा। पोस्ट ऑफिस (Post Office) की योजनाओं में छोटी बचत से निवेश करना अच्छा होता है। पोस्ट ऑफिस की कई ऐसी बचत योजनाएं हैं, जिनमें निवेश करने पर अच्छा-खासा ब्याज तो मिलता ही है, साथ में दूसरी कई सुविधाएं भी मिलती हैं। इसके साथ ही, पोस्ट ऑफिस में निवेश करना 100 फीसदी सुरक्षित होता है। यहां लगाया गया पैसा डूब नहीं सकता। इसकी वजह यह है कि सरकार पोस्ट ऑफिस में निवेश किए गए धन पर सॉवरेन गारंटी (Sovereign Guarantee) देती है। जानें पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में जिसमें छोटी रकम से निवेश शुरू कर आप कई लाख का फंड तैयार कर सकते हैं।
(फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस की इस येजना का नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) है। पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ अकाउंट को न्यूनतम 500 रुपए से शुरू किया जा सकता है। इस अकाउंट में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा किए जा सकते हैं। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस के पीपीएफ (PPF) अकाउंट पर मौजूदा सालाना ब्याज दर 7.1 फीसदी है। इससे ज्यादा ब्याज दर सिर्फ सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS) में है। पोस्ट ऑफिस के अलावा बैंकों की भी किसी स्कीम में इतना ज्यादा ब्याज नहीं मिल रहा है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ (PPF) स्कीम के तहत माइनर के नाम पर भी अकाउंट खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम में नॉमिनेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके साथ अगर कोई अपने खाते को पोस्ट ऑफिस के किसी दूसरे ब्रांच में ट्रांसफर कराना चाहता है, तो यह सुविधा भी मिलती है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस के पीपीएफ (PPF) अकाउंट में अगर मिनिमम सालाना अमाउंट 500 रुपए नहीं जमा कराया जाए तो अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। इसके बाद पिछला बकाया, 50 रुपए का पेनल्टी चार्ज और एक इंस्टॉलमेंट भरने के बाद ही फिर से अकाउंट एक्टिव होता है। अगर कोई महीने के पूरे इंटरेस्ट का फायदा लेना चाहता है, तो हर महीने की 5 तारीख तक इस अकाउंट में पैसा जमा कर देना चाहिए। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ (PPF) अकाउंट का मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का है। इससे पहले इस अकाउंट को बंद नहीं किया जा सकता। हालांकि, कुछ खास मामलों में 5 साल की अवधि पूरा होने के बाद जरूरत पड़ने पर इसे बंद कराया जा सकता है। खाताधारक, उसके जीवनसाथी या उन पर निर्भर बच्चों को जानलेवा बीमारी होने की स्थति में यह अकाउंट बंद कराया जा सकता है। इसके अलाावा, खाताधारक के विदेश में बस जाने पर भी यह अकाउंट बंद कराया जा सकता है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस में पीपएफ (PPF) अकाउंट में निवेश, इस पर आने मिलने वाले ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि को आयकर कानून के तहत टैक्स से छूट हासिल है। पीपीएफ अकाउंट को मेच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद भी 5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए मेच्योरिटी की तारीख से 1 साल के अंदर एप्लिकेशन देना होता है। अकाउंट आगे बढ़ाने पर इसे नए डिपॉजिट के साथ या बिना नए डिपॉजिट के ही जारी रखा जा सकता है। ऐसी स्थिति में अकाउंट में मौजूद बैलेंस पर ब्याज मिलता रहेगा। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस के पीपीएफ (PPF) अकांउट के 1 साल पूरा होने के बाद और 5 साल पूरे होने से पहले इस पर कर्ज भी लिया जा सकता है। इसके अलावा अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद इससे विदड्रॉअल भी किया जा सकता है। इस अकाउंट में नेटबैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन डिपॉजिट की सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (India Post Payments Bank) के सेविंग्स अकाउंट से ऑनलाइन डिपॉजिट की सुविधा भी उपलब्ध है। (फाइल फोटो)