Post Office की इस स्कीम में 500 रुपए से करिए निवेश, तगड़े रिटर्न के साथ पाइए Tax में छूट
बिजनेस डेस्क: अगर आप शेयर मार्केट के बजाय किसी कम जोखिम वाली स्कीम में पैसा लगाना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रोविडेंट फंड के जरिये निवेश कर सकते हैं। सरकार की स्माल सेविंग्स स्कीम के तहत पीपीएफ निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है। कोई भी व्यक्ति पोस्ट ऑफिस यानी डाक घर या बैंक में यह अकाउंट खुलवा सकता है। PPF में निवेश कर छूट के लिहाज से भी काफी अहम है। इसमें निवेश पर कर कटौती का लाभ मिलता है। इसके अलावा मैच्योरिटी की रकम और ब्याज की इनकम भी कर मुक्त होती है।
Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2020 1:54 PM IST / Updated: Apr 11 2020, 09:33 PM IST
पीपीएफ15 साल की लंबी अवधि वाली निवेश योजना है, जिसमें फिलहाल वार्षिक 7.1% ब्याज दर मिल रही है। इस योजना से जुड़ने की कोई भी न्यूनतम या अधिकतम उम्र सीमा नहीं है।
कोई भी व्यक्ति आवदेन देकर एक अकाउंट खोल सकता है। कोई व्यक्ति नाबालिग या मानसिक विक्षिप्त (unsound mind) व्यक्ति के नाम, जिसका वह अभिभावक हो, पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकता है। इस स्थिति में एक व्यक्ति के नाम पर एक ही अकाउंट खुलवाया जा सकता है। पीपीएफ में ज्वाइंट अकाउंट नहीं खुलवाया जा सकता है।
एक वित्त वर्ष में 500 रुपये से कम और 1.50 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश इस स्कीम में नहीं कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति का अपना पीपीएफ अकाउंट है और उसने नाबालिग की ओर से भी पीपीएफ अकाउंट खोला है, तो उस स्थिति में भी दोनों खातों की कुल जमा लिमिट 1.5 लाख रुपये ही होगी।
पीपीएफ अकाउंट में एक साल में 500 रुपये का निवेश अनिवार्य है। यदि साल के दौरान खाताधारक न्यूनतम 500 रुपये का रकम जमा नहीं करता है तो यह अकाउंट बंद हो जाएगा।
पीपीएफ अकाउंट के आंशिक रूप से निकासी की भी सुविधा है। पीपीएफ से पैसे निकालने का नियम यह है कि अकाउंट खुलने के साल के आखिर से पांच साल बीतने के बाद खाताधारक फॉर्म 2 के जरिए अकाउंट से रकम निकाल सकता है। निकासी खाते में जमा रकम के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है।
आप अपने PPF खाते में जमा धन राशि से कुछ शर्तों के आधार पर लोन ले सकते हैं। योजना शुरू होने के तीसरे वर्ष से छठे वर्ष तक लोन लिया जा सकता है।
पीपीएफ अकाउंट को 15 वर्ष की अवधि खत्म होने के बाद उसे 5 वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकता है। आप इसके बाद लगातार हर पाँच साल में इसे बढ़ा सकते हैं।
इनकम टैक्स की धारा 80 C के तहत PPF में निवेश की गई राशि को टैक्स कटौती के लिए क्लेम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त निवेश पर मिले ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगेगा। जमा राशि पर जो ब्याज मिलता है वह तो टेक्स फ्री होता ही है, हालांकि इससे कमाएं गए ब्याज को इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना होगा। इसके अलावा पीपीएफ अकाउंट को खाताधारक की किसी भी कर्ज या देनदारी के संबंध में किसी भी कोर्ट के आदेश द्वारा अटैच नहीं किया जा सकता है।