गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट से हो सकता है ज्यादा फायदा, 1 साल में मिला 30 फीसदी तक का रिटर्न

बिजनेस डेस्क। गोल्ड (Gold) हमेशा से इन्वेस्टमेंट के लिहाज से बढ़िया रहा है। इसकी वजह यह है कि इसमें निवेश सुरक्षित होता है और इसकी वैल्यू कभी घटती नहीं है। भारत में गोल्ड में निवेश करने की परंपरा रही है। हाल के दिनों में लोगों ने गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds) में भी निवेश करना शुरू कर दिया है। इसमें प्रॉफिट भी अच्छा-खासा मिल रहा है। पिछले एक साल में गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में रिटर्न 30 फीसदी तक रहा है। इसे देखते हुए गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। जानें इसके बारे में विस्तार से।
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 21, 2020 11:28 AM IST / Updated: Nov 21 2020, 05:01 PM IST
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गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट से हो सकता है ज्यादा फायदा, 1 साल में मिला 30 फीसदी तक का रिटर्न

क्या है गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड म्यूचुअल फंड गोल्ड ईटीएफ (ETF) का ही एक रूप है। ईटीएफ का मतलब है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) जिसका कारोबार शेयर मार्केट में होता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में फिजिकल गोल्ड में निवेश नहीं होता। गोल्ड म्यूचुअल फंड  के जरिए गोल्ड ईटीएफ (ETF) में निवेश होता है। इसमें रिटर्न नेट एसेट वैल्यू (NAV) से जुड़ा होता है। 
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1000 रुपए से किया जा सकता है निवेश
गोल्ड म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए 1000 रुपए की राशि से निवेश की शुरुआत की जा सकती है। इसमें निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) की भी जरूरत नहीं होती है। किसी भी म्यूचुअल फंड के जरिए इसमें निवेश की शुरुआत की जा सकती है।
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कितना लगता है टैक्स 
गोल्ड म्यूचुअल फंड में 3 साल से ज्यादा निवेश को लॉन्ग टर्म निवेश माना जाता है। इस पर मिलने वाले लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटन गेन्स (LTCG) कहा जाता है। इस निवेश में LTCG पर इंडेक्ससेशन बेनिफिट (प्लस सरचार्ज और सेस) 20 फीसदी की दर से लगता है। वहीं, शॉर्ट टर्म गेन्स (STGC) पर इन्वेस्टर को लागू स्लैब दर के हिसाब से टैक्स देना होता है।
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1 साल का एग्जिट लोड
गोल्ड म्यूचुअल फंड में एग्जिट लोड लग सकता है, जो अमूमन 1 साल तक का हो सकता है। म्यूचुअल फंड एग्जिट लोड तब लगाते हैं, जब निवेशक एक तय अवधि से पहले ही मुनाफा हासिल करना चाहता है।
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क्यों लगाया जाता है एग्जिट लोड
एग्जिट लोड निवेशकों को म्यूचुअल फंड से बाहर जाने से रोकने के लिए लगया जाता है। अलग-अलग म्यूचुअल फंड का एग्जिट लोड लगाने का समय अलग-अलग होता है। एग्जिट लोड रिटर्न नेट एसेट वैल्यू (NAV) का मामूली हिस्सा होता है, जो समय से पहले मुनाफा लेने पर काटा जाता है। 
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पिछले 5 साल में क्या मिला है रिटर्न
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में पिछले 5 साल में निवेशकों को 12.9 फीसदी से लेकर 14.4 फीसदी तक रिटर्न मिला है। इस लिहाज से इसमें निवेश करने से कहीं से कोई नुकसान नहीं है। यह रिटर्न आदित्य बिरला सन लाइफ गोल्ड फंड (Aditya Birla Sun Life Gold Fund), एसबीआई गोल्ड फंड (SBI Gold Fund) और एचडीएफसी गोल्ड फंड (HDFC Gold Fund) ने दिया है।
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