क्या स्मॉल फाइनेंस बैंकों में अकाउंट खुलवाना है सुरक्षित, जानें क्यों ज्यादा ब्याज देते हैं ये बैंक

बिजनेस डेस्क। आजकल सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के ज्यादातर बैंक जमा धन पर बहुत ही कम ब्याज देते हैं। सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) के अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) में भी पहले की तुलना में ब्याज दर कम हो गई है। वहीं, कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank) सेविंग्स अकाउंट पर 7 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं, जबकि सरकारी क्षेत्र का देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सेविंग्स अकाउंट पर 3 फीसदी से भी कम ब्याज दे रहा है। ऐसे में, लोगों का भरोसा स्मॉल सेविंग्स बैंकों पर डगमगाने लगता है। लोग सोचते हैं कि क्या इन बैंकों में खाता खुलवाना सुरक्षित होगा। आज 20 अक्टूबर, 2020 को Equitas Small Finance Bank आईपीओ (IPO) लेकर आ रहा है। इस मौके पर जानें कितने सुरक्षित हैं स्मॉल फाइनेंस बैंक।
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2020 3:41 AM IST

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क्या स्मॉल फाइनेंस बैंकों में अकाउंट खुलवाना है सुरक्षित, जानें क्यों ज्यादा ब्याज देते हैं ये बैंक

क्या हैं स्मॉल फाइनेंस बैंक 
केंद्र सरकार ने साल 2015 में 10 स्मॉल फाइनेंस बैंकों को लाइसेंस दिया था। हालांकि, बड़े बैंकों के मुकाबले स्मॉल फाइनेंस बैंकों की कारोबारी गतिविधियां सीमित होती हैं। ऐसे बैंकों का 50 फीसदी लोन पोर्टफोलियो 25 लाख रुपए तक की श्रेणी में होना चाहिए। इसका मतलब यह है कि ये बैंक बड़े लोन नहीं दे सकते। इससे इनके सामने समस्‍याएं नहीं आतीं। ऐसा देखा गया है कि बड़े सरकारी या प्राइवेट बैंकों के दिए गए बड़े कर्जों की वसूली में दिक्कत आती है। इसमें धोखाधड़ी की संभावना भी ज्‍यादा रहती है।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है निगरानी
इन स्मॉल फाइनेंस बैंकों की निगरानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) करता है। केंद्रीय बैंक की ओर से इन बैंकों के लिए कई कड़े दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों की वजह से स्‍मॉल फाइनेंस बैंक में बचत खाता खुलवाना या निवेश करना सुरक्षित है।
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कितनी राशि रहती है सुरक्षित
स्मॉल फाइनेंस बैंकों में 5 लाख रुपए तक की रकम उतनी ही सुरक्षित रहती है, जितनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) या दूसरे किसी सरकारी बैंक या प्राइवेट बैंकों में। दरअसल, स्मॉल फाइनेंस बैंक सीधे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की निगरानी में काम करते हैं।
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इन्श्योरेंस के तहत होती है जमा राशि
स्‍मॉल फाइनेंस बैंक भी पीएसयू और अन्य प्राइवेट बैंकों की तरह रिजर्व बैंक की ओर से अनुसूचित बैंकों के तौर पर क्‍लासीफाइड होते हैं। इसलिए स्‍मॉल फाइनेंस बैंकों में 5 लाख रुपए तक की राशि डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के डिपॉजिट इन्श्योरेंस प्रोग्राम के तहत बीमित होती है।

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क्या सुरक्षित है इन बैंकों में निवेश 
स्‍मॉल फाइनेंस बैंकों में फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट या कोई भी दूसरा निवेश पीएसयू और प्राइवेट सेक्टर के दूसरे बैंकों की तरह ही सुरक्षित रहता है। अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगा रहे हैं तो एक ही बैंक में अपनी सारा पैसा नहीं लगाएं। बेहतर होगा कि अलग-अलग स्मॉल फाइनेंस बैंकों की एफडी स्कीम्स में पैसा लगाएं। स्‍मॉल फाइनेंस बैंक में भी 5 लाख रुपए तक की राशि डीआईसीजीसी के डिपॉजिट इन्श्योरेंस प्रोग्राम के तहत इन्श्‍योर्ड होती है। इसलिए एक बैंक में 5 लाख रुपए तक की राशि का निवेश करना सुरक्षित रहता है।
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क्‍यों देते हैं ये बैंक ज्‍यादा ब्‍याज
सरकारी या बड़े प्राइवेट बैंकों के पास काफी नकदी मौजूद रहती है। इसलिए अधिक जमा राशि हासिल करने में उनका इंटरेस्ट कम होता है। वहीं, स्मॉल फाइनेंस बैंकों के साथ इसका ठीक उलटा होता है। ज्यादा जमा राशि हासिल करने के लिए स्मॉल फाइनेंस बैंक डिपॉजिट पर ज्‍यादा ब्याज देते हैं। इसलिए स्मॉल फाइनेंस बैंकों में निवेश करना सुरक्षित है।
(फाइल फोटो)

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