Post Office की इस स्कीम में एक बार पैसा लगाने पर हर महीने होगी अच्छी कमाई, जानें क्या है यह योजना
बिजनेस डेस्क। आजकल छोटी बचत का निवेश करने के लिए पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स काफी अच्छी मानी जा रही हैं। बैंकों की जमा योजनाओं में फिलहाल ज्यादा ब्याज नहीं मिल रहा है। वहीं, पोस्ट ऑफिस की कई ऐसी स्कीम है, जिनमें पैसा लगा कर अच्छा-खासा रिटर्न हासिल किया जा सकता है। अब पोस्टल डिपार्टमेंट ने पोस्ट ऑफिसों का काफी मॉडर्नाइजेशन भी किया है। पोस्ट ऑफिस का कामकाज अब ऑनलाइन होने लगा है। इसके साथ ही, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के नाम से पोस्टल डिपार्टमेंट ने बैंकिंग सर्विसेस की शुरुआत भी की है। पोस्ट ऑफिस में निवेश करना पूरी तरह सुरक्षित भी है। पोस्ट ऑफिस में जमा धन पर सरकार की सॉवरेन गारंटी (Sovereign Guarantee) मिलती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी योजना के बारे में, जिसमें निवेश करने के बाद हर महीने नियमित आय हासिल की जा सकती है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस की इस योजना का नाम मंथली इनकम स्कीम (MIS) है। इसमें सिंगल और जॉइंट, दोनों तरह के खाते खोले जा सकते हैं। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों और रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए काफी अच्छी है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस की इस योजना के तहत सिंगल अकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपए जमा करना होता है। इसमें अधिकतम 4.5 लाख रुपए का निवेश किया जा सकता है। वहीं, जॉइंट खाते में अधिकतम 9 लाख रुपए तक का निवेश किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस की इस योजना के तहत दो या तीन लोग मिल कर भी जॉइंट अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके बाद इसमें मिलने वाली आय को वे आपस में बराबर-बराबर बांट ले सकते हैं। (फाइल फोटो)
मंथली इनकम स्कीम के तहत खोले जाने वाले सिंगल अकाउंट को जॉइंट में और जॉइंट अकाउंट को सिंगल में आसानी से बदलवाया जा सकता है। अकाउंट में किसी तरह का बदलाव कराने के लिए सभी मेंबर्स को एक एप्लिकेशन देना होता है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस में मंथली इनकम स्कीम के तहत खाता खोलने के लिए सबसे पहले पोस्ट ऑफिस के किसी नजदीकी ब्रांच में सेविंग अकाउंट खोलना होता है। इसके लिए आईडी प्रूफ, रेजिडेंशियल प्रूफ और कुछ दूसरे डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ती है। इस अकाउंट को खोलने के लिए नॉमिनी का भी नाम देना जरूरी होता है। (फाइल फोटो)
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम का मेच्योरिटी पीरियड 5 साल का है, लेकिन इसमें कुछ कटौती के साथ 1 साल के पहले भी पैसे निकाले जा सकते हैं। 1 साल और 3 साल से पहले पैसे की निकासी पर 2 फीसदी की कटौती होती है, वहीं 3 साल के बाद निकासी पर खाते में जमा राशि से 1 फीसदी की कटौती होती है। (फाइल फोटो)