Credit Card स्टेटमेंट के बारे में जानना है बेहद जरूरी, कई मामलों में इससे हो सकता है काफी फायदा
बिजनेस डेस्क। आजकल ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करने लगे हैं। लगभग सभी बैंकों ने अपने क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। क्रेडिट कार्ड कई तरह के होते हैं। इनका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आपके पास रेडी मनी यानी कैश नहीं है, तो भी आप इन कार्ड के जरिए खरीददारी कर सकते हैं और बाद में बिल पेमेंट कर सकते हैं। अलग-अलग क्रेडिट कार्ड पर खर्च करने की लिमिट भी अलग होती है। कुछ बैंकों के कई क्रेडिट कार्ड ऐसे हैं, जिन पर कस्टमर्स को कई तरह की खास सुविधाएं भी मिलती हैं। इसके अलावा, कुछ ई-कॉमर्स वेबसाइट्स (E-Commerce Websites) पर क्रेडिट कार्ड के जरिए खरीददारी करने पर स्पेशल डिस्काउंट की सुविधा मिलती है। आजकल मिडल क्लास के लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड रखना एक तरह का स्टेटस सिंबल भी बन गया है। (फाइल फोटो)
जैसे आपके बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट आता है, उसी तरह क्रेडिट कार्ड का भी स्टेटमेंट आता है। इसमें किए गए पेमेंट, खरीददारी, क्रेडिट बैलेंस, रिवॉर्ड पॉइंट वगैरह की जानकारी दी जाती है। क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट हर महीने आता है। यह क्रेडिट कार्ड की बिलिंग साइकिल के अंत में जनरेट होता है। हालांकि, उस पीरियड के लिए कोई स्टेटमेंट नहीं जारी किया सकता, जिसमें कोई लेन-देन या बकाया नहीं हो। (फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में कई तरह की जानकारियां दर्ज रहती हैं। इस स्टेटमेंट के जरिए कस्टमर अपने क्रेडिट कार्ड बिल में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी को पकड़ सकता है। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट से किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन का भी पता लगाया जा सकता है। (फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट अपने खर्चों को ठीक से समझा जा सकता है और उसे व्यवस्थित किया जा सकता है। इससे क्रेडिट कार्ड स्कोर की जानकारी भी मिल जाती है। यह स्कोर पता लग जाने से कस्टमर अलर्ट रह सकते हैं और एक्स्ट्रा क्रेडिट लेने से बच सकते है, ताकि क्रेडिट स्कोर ज्यादा नहीं बने। (फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट से यह आसानी से पता चल जाता है कि बिल के पेमेंट की आखिरी तारीख क्या है। इस तारीख के बाद किए गए पेमेंट पर दो तरह के चार्ज लगते हैं। इसमें पहले बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान करना होता है और लेट पेमेंट फीस देनी पड़ती है। (फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड में मिनिमम ड्यू अमाउंट कुल बकाया राशि का करीब 5 फीसदी होता है, जिसे लेट फीस को बचाने के लिए देना होता है। जो लोग क्रेडिट कार्ड रखते हैं, उन्हें कुल बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए। इससे कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगता है। कुल राशि में सभी ईएमआई (EMI) शामिल होती है। (फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड में पेमेंट ड्यू डेट के खत्म होने के बाद 3 दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाता है। इस ग्रेस पीरियड के बाद भी पेमेंट नहीं करने पर लेट पेमेंट पेनल्टी लगाई जाती है। क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में 3 तरह की लिमिट मिलेंगी। कुल क्रेडिट लिमिट, उपलब्ध क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट। (फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट के ट्रांजैक्शन सेक्शन में क्रेडिट कार्ड में आए पैसे और किए गए खर्च की जानकारी दी जाती है। इस स्टेटमेंट में जमा किए गए रिवॉर्ड पॉइंट्स का स्टेटस भी दिखता है। एक टेबल में पहले के रिवॉर्ड पॉइंट्स की संख्या और प्रेजेंट बिलिंग में हासिल किए गए रिवॉर्ड पॉइंटस की संख्या दिखाई देगी। इसके आधार पर आगे खरीददारी की जा सकती है। (फाइल फोटो)