1 अप्रैल से बंद हो जाएंगे आपके ये 6 सरकारी बैंक, अकाउंट है तो काम आएंगे 10 सवालों के जवाब

नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2020 से 10 और सरकारी बैंकों का मर्जर हो जाएगा। हालांकि इस तरह की अफवाह भी है कि कोरोना वायरस की महामारी की वजह से सरकार फिलहाल बैंकों का मर्जर टाल सकती है। बैंकों के मर्जर के बाद सिर्फ चार सरकारी बैंक बचेंगे। केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में 10 बैंकों को मिलाकर चार नए बैंक बनाने की घोषणा की थी। 10 बैंकों के मर्जर को नरेंद्र मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का मर्जर किया था। विलय की ये कवायद बैंकों पर एनपीए को कम करना है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 31, 2020 12:58 PM IST / Updated: Mar 31 2020, 06:42 PM IST
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1 अप्रैल से बंद हो जाएंगे आपके ये 6 सरकारी बैंक, अकाउंट है तो काम आएंगे 10 सवालों के जवाब
1 अप्रैल को 10 बैंकों के मर्जर के बाद - पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक बचेंगे। जबकि जो बैंक खत्म हो जाएंगे वो हैं- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक। मरजर के बाद देश में सिर्फ 12 सरकारी बैंक होंगे। इससे पहले 2017 में ये संख्या 27 थी। आइए जानते हैं 11 सवालों के जवाब जो उन अकाउंट होल्डर के काम आएंगे जिनके खाते बैंकों में है।
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क्या मर्जर प्रक्रिया में रुक जाएंगे बैंक के काम :- नहीं। क्योंकि सरकार ने संबन्धित बैंकों को साफ कहा है कि मर्जर प्रोसेस में ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं पहले की तरह मिलती रहें।
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बैंक खातों पर मर्जर का असर किस तरह होगा:- जिन बैंकों का मर्जर हो रहा है उनके सभी तरह के अकाउंट्स पर सीधा असर पड़ेगा। मर्जर के बाद अकाउंट होल्डर को बैंक में पुरानी पासबुक को बदलवाना होगा।
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क्या बादल जाएंगे बैंकों के अकाउंट नंबर:- मर्जर हो रहे बैंकों के अकाउंट के नंबर बराबर रहे तो संभावना है कि अकाउंट नंबर न बदले जाए।
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बैंकों के ब्रांच भी बदल जाएंगे:- हां। कुछ ब्रांच बंद हो सकते हैं। ऐसा किसी क्षेत्र में एक बैंक की ज्यादा ब्रांचों की वजह से हो सकता है। ज्यादा आसपास होने पर भी किसी ब्रांच को मर्ज किया जा सकता है।
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चेक बुक पर क्या असर पड़ेगा:- पुराने बैंकों के नाम वाली चेक बुक निरस्त हो जाएगी। नई छेकबुक लेनी पड़ेगी। हालांकि ग्राहकों को 6 महीने का वक्त दिया जाएगा।
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डेबिट और क्रेडिट कार्डों पर क्या असर पड़ेगा:- कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले की तरह की काम करते रहेंगे। हालांकि मर्जर प्रोसेस के बाद कस्टमर्स को नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड दिए जाएं।
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एफडी और आरडी का क्या:- मर्जर के बाद ग्राहकों को इन्वेस्ट पर दी जा रही ब्याज दर पर असर पड़ेगा। हालांकि मर्जर से पहले के निवेश के ब्याज दरों पर कोई असर नहीं होगा। मर्जर के बाद की ब्याज दरें एक जैसी हो जाएंगी।
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लोन का क्या होगा:- मर्जर के बाद नई दरें एक जैसी होंगी। हालांकि मर्जर से पहले चल रहे लोन जैसे होम, व्हीकल, एजुकेशन, पर्सनल और गोल्ड लोन की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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क्या अलग-अलग जगहों पर बैंक डिटेल्स को अपडेट करना होगा:- हां। मर्जर के बाद अकाउंट नंबर और IFSC में बदलाव हो सकते हैं। इसलिए इनकम टैक्स, बीमा, म्यूचुअल फंड आदि जगहों पर नए डिटेल अपडेट करने पड़ेंगे।
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शेयरहोल्डर्स पर क्या असर पड़ेगा:- मर्जर के बाद बैंकों के शेयरहोल्डर्स पर इसका असर पड़ेगा। बैंकों के शेयर स्वैप का रेशो तय होने के बाद ही इस बारे में सही सही कुछ जानकारी मिल पाएगी।
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शेयरहोल्डर्स पर क्या असर पड़ेगा:- मर्जर के बाद बैंकों के शेयरहोल्डर्स पर इसका असर पड़ेगा। बैंकों के शेयर स्वैप का रेशो तय होने के बाद ही इस बारे में सही सही कुछ जानकारी मिल पाएगी।
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