केंद्र सरकार की इस स्कीम में मिलेगी 90 फीसदी छूट, 25 साल तक किसान कर सकते हैं लाखों की कमाई

बिजनेस डेस्क। मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की है। इस योजना में किसानों को बंजर जमीन पर सोलर पैनल लगाने के लिए मदद मिलती है। सोलर पैनल के जरिए किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए खुद बिजली पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा वे अतिरिक्त बिजली बेच कर कमाई भी कर सकते हैं। इस योजना में किसानों को कुल लागत का सिर्फ 10 फीसदी लगाना होता है। बाकी 90 फीसदी सब्सिडी किसानों के खाते में सरकार देती है। जानें इस योजना के बारे में विस्तार से। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 4, 2020 4:26 AM IST
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केंद्र सरकार की इस स्कीम में मिलेगी 90 फीसदी छूट, 25 साल तक किसान कर सकते हैं लाखों की कमाई

सोलर पैनल से कर सकते हैं बिजली का उत्पादन
किसान खेतों की सिंचाई के लिए बिजली या डीजल से चलने वाले मोटर पंपों का इस्तेमाल करते हैं। अगर किसान मोटर पंप का इस्तेमाल नहीं करें तो पर्याप्त बारिश नहीं होने पर उनकी फसल मारी जाती है। सोलर पैनल लगाने से किसानों को जो बिजली मिलेगी, उसका इस्तेमाल मोटर पंप चलाने में किया जा सकता है। इससे बिजली और डीजल पर होने वाला खर्च बचेगा।

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बिजली बेचने से हो सकती है कमाई
एक बार सोलर पैनल लगाने पर वह 25 साल तक काम करता है। इसमें बिजली का उत्पादन सूर्य की रोशनी के जरिए होता है। सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान अपनी मोटर पंप चलाने और दूसरी जरूरतों के लिए तो कर ही सकते हैं, अगर ज्यादा बिजली का उत्पादन हो तो उसे विद्युत वितरण कंपनी (DISCOM) को बेच भी सकते हैं। इससे किसानों को अच्छी-खासी आमदनी हो सकती है।
 

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लोन और सब्सिडी की सुविधा
यह योजना भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। सोलर पैनल लगाने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्र सरकार कुल लागत पर 30 फीसदी सब्सिडी देगी, वहीं राज्य सरकार की ओर से भी 30 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। सोलर पैनल लगाने के लिए बैंकों से कुल लागत का 30 फीसदी तक लोन लिया जा सकता है। इस तरह किसानों को इसमें सिर्फ 10 फीसदी ही राशि लगानी पड़ेगी।
 

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रख-रखाव पर कोई खर्च नहीं
एक बार सोलर पैनल लगा देने के बाद इसके रख-रखाव पर कोई खर्च नहीं आता है। एक सोलर पैनल 25 साल तक काम करता है। 10 साल के बाद सिर्फ एक बार उसकी बैटरी बदलनी होती है। सोलर पैनल से जो एक्स्ट्रा बिजली मिलेगी, उसे बेच कर किसान 5-6 साल में बैंक का कर्ज चुका सकते हैं।
 

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पर्यावरण के लिए बेहतर
सोलर पैनल को सरकार इसलिए बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है। प्राकृतिक स्रोत से बिजली बनाने में किसी तरह का अलग से कोई खर्च भी नहीं आता। इससे मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान अपने घरों में कई उपकरणों को चलाने के लिए कर सकते हैं।

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पीएम कुसुम योजना के फायदे
केंद्र सरकार की कुसुम योजना इस लिहाज से बेहतर है कि इसमें उन्हें सिंचाई के लिए मु्फ्त बिजली तो मिलेगी ही, अगर वे इस्तेमाल से ज्यादा बिजली बनाते हैं तो उसे पावर ग्रिड को बेच कर कमाई भी कर सकते हैं। अगर किसी किसान के पास बंजर जमीन है, तो उसका इस्तेमाल ज्यादा सोलर पैनल लगाने के लिए किया जा सकता है। 

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कितनी हो सकती है कमाई
किसान बंजर जमीन के अलावा अपने घर की छत पर भी सोलर पैनल लगा कर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली विद्युत वितरण कंपनी खरीदती है। इससे किसानों को हर साल 60 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की आमदनी हो सकती है। यह आमदनी लगातार 25 साल तक होगी। सोलर पैनल लगाने के लिए जमीन विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर के दायरे में होनी चाहिए। इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए इस वेबसाइट https://mnre.gov.in/# पर विजिट कर सकते हैं। 

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