अब बदल गया चेक से पेमेंट करने का नियम, नए सिस्टम में फ्रॉड पर लग जाएगी लगाम
बिजनेस डेस्क। 1 जनवरी, 2021 से देश में चेक से पेमेंट करने का नया नियम लागू हो गया है। इसे पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) नाम दिया गया है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इसे सितंबर, 2020 में ही पेश किया था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, यह सिस्टम लागू हो जाने के बाद अब चेक के जरिए पेमेंट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती है। इससे चेक आधारित ट्रांजैक्शन पूरी तरह सुरक्षित होगा। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)
Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2021 4:24 AM IST / Updated: Jan 02 2021, 10:02 AM IST
पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) एक आटोमेटेड फ्रॉड डिटेक्शन टूल है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा इसे लाए जाने के पीछे मकसद चेक के गलत इस्तेमाल को रोकना है। बैंक का मानना कि इस सिस्टम से फर्जी चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को कम किया जा सकेगा। (फाइल फोटो)
पॉजिटिव पे सिस्टम एक तरह से फ्रॉड को पकड़ने वाला टूल है। इस सिस्टम के तहत जब कोई चेक जारी करेगा, तो उसे अपने बैंक को इसकी पूरी डिटेल देनी होगी। (फाइल फोटो)
इस सिस्टम के तहत चेक जारी करने वाले को एसएमएस, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली चेक की डेट, बेनेफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर, कुल अमाउंट और दूसरी जरूरी जानकारी बैंक को देनी होगी। इस सिस्टम में चेक से पेमेंट पूरी तरह सुरक्षित होगा। वहीं, उसका क्लियरेंस भी जल्दी होगा। (फाइल फोटो)
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव पे फैसिलिटी को लाएगा और इसे बैंकों को उपलब्ध कराएगा। यह सिस्टम 50 हजार या इससे ज्यादा अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा। बता दें कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक क्लियरेंस की एक प्रॉसेस है। (फाइल फोटो)
पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत जारी किए गए चेक को क्लियरेंस के लिए एक जगह से दूसरी जगह भेजने की जरूरत नहीं पड़ती है। चेक ट्रंकेशन सिस्टम( CTS) चेक के कलेक्शन और क्लियरेंस की प्रक्रिया को तेज कर देता है। (फाइल फोटो)