न ईशा न अनंत न आकाश, कौन बनेगा रिलायंस का MD? ढूंढ़ रहे हैं मुकेश अंबानी

मुंबई: SEBI ने हाल ही में स्टॉक मार्केट में लिस्टेड सभी कंपनियों को निर्देश दिया था कि वें अपनी कंपनियों के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर/सीईओ के पद की भूमिकाओं को 1 अप्रैल तक अलग कर लें। यानि एक ही व्यक्ति किसी कंपनी का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर या सीईओ दोनों नहीं हो सकता। इस निर्देश के बाद भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने नए मैनेजिंग डायरेक्टर की खोज शुरू कर दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2020 7:36 AM IST / Updated: Jan 10 2020, 01:28 PM IST
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न ईशा न अनंत न आकाश, कौन बनेगा रिलायंस का MD? ढूंढ़ रहे हैं मुकेश अंबानी
बता दें कि इस समय मुकेश अंबानी RIL(रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं इसलिए उन्हें भी मैनेजिंग डायरेक्टर का पद छोड़ना पड़ेगा। हालांकि, सीईओ की भूमिका निभाने वाले शख्स को परिवार के सदस्य से बाहर का माना जाता है इसलिए RIL का अगला मैनेजिंग डायरेक्टर भी अंबानी परिवार से नही होगा। यानि कि मुकेश अंबानी के तीनों बच्चे ईशा अनंत और आकाश अंबानी को ये पद नहीं मिलेगा।
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आपको बता दें की SEBI ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि कंपनियों में कॉर्पोरेट गवर्नेंस ज्यादा बेहतर हो। नए नियम के अनुसार कंपनी में chairperson of the board को non-executive chairman भी होना चाहिए और वही व्यक्ति कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नहीं होना चाहिए। बैंकर उदय कोटक की अगुवाई वाली सेबी की कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी ने पहली बार 2017 में अलगाव का प्रस्ताव रखा था। बाजार नियामक ने 2018 में यह नियम बनाया और शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों (बाजार पूंजीकरण द्वारा) को नए नियम को लागू करने के लिए दो साल दिए गए।
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अंबानी परिवार के एक करीबी सूत्र ने बिजनेस टुडे को बताया की रिलायंस में ऐसे कई वरिष्ट अधिकारी हैं जो जिन्होंने कंपनी में काम करते हुए अपनी योग्यता साबित की है। ऐसे में अंबानी ऐसे किसी व्यक्ति को मैनेजिंग डायरेक्टर का पद दे सकते हैं जिनकी उम्र ज्यादा न हो और उन्हें काम का भरपूर अनुभव हो। हालांकि सूत्र ने कंपनी के बाहर से मैनेजिंग डायरेक्टर को बुलाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि मुकेश अंबानी हमेशा बाहर के लोगों के मुकाबले अपनों को तरजीह देते हैं इसीलिए मैनेजिंग डायरेक्टर भी रिलायंस का अपना होगा।
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62 वर्षीय अंबानी, 1977 से आरआईएल के बोर्ड में हैं। उन्हें जुलाई 2002 में अपने पिता और समूह के संरक्षक धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद कंपनी का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और एमडी के बनाया गया था। और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी कंपनी के vice-chairman और एमडी बने । लेकिन, दोनों भाइयों में विवाद शुरू हो गया।
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अंत में, उनकी मां कोकिलाबेन ने झगड़े को रोकने के लिए 2005 में समूह को दो हिस्सों में विभाजित किया गया। मुकेश अंबानी ने को बटवारे में RIL(रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) का नियंत्रण मिला और उन्होंने कंपनी में अपनी भूमिकाओं को बनाए रखा। 2018 में, आरआईएल के शेयरधारकों ने मुकेश अंबानी को अगले पांच साल के लिए सीएमडी के रूप चुन लिया। अंबानी के अलावा उनकी पत्नी नीता और चचेरे भाई निखिल मेसवानी और हिटल मेसवानी भी आरआईएल के बोर्ड में शामिल हैं।
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अंबानी के नेतृत्व में, RIL का कारोबार 2018/19 में लगभग 10 गुना बढ़कर 6,22,809 करोड़ रुपए हो गया, जबकि 2002/03 में 65,061 करोड़ रुपए था। 16 वर्षों में यह मुनाफा 4,104 करोड़ रुपये से 39,588 करोड़ रुपये हो गया। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से 2003 में लगभग 40,000 करोड़ रुपये से RIL का कारोबार 10 लाख करोड़ रुपये का हो गया। आरआईएल ने पिछले पांच वर्षों में पूंजीगत व्यय के रूप में कुल 5.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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