सरकार ने फिर दी राहत, जानें अब कब तक भर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न

बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए सरकार ने इनकम टैक्स भरने वालों को तीसरी बार छूट दी है। एसेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन को 2 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नोटिफिकेशन जारी करके यह जानकारी दी है। बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइन करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर, 2020 थी। 
(फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2020 3:52 AM IST / Updated: Oct 01 2020, 10:59 AM IST
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सरकार ने फिर दी राहत, जानें अब कब तक भर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न

अब कब तक फाइल कर सकते हैं रिटर्न
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब 30 नवंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की जा सकती है। इसके पहले 29 जुलाई को इनकम टैक्स रिटर्न दाकाल करने की डेडलाइन 30 सितंबर की गई थी।
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बार-बार बढ़ी डेडलाइन
लोगों को राहत पहुंचाने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख कई बार बढ़ाई। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख हर साल 31 मार्च तक होती है। लेकिन इस बार पहले इसे 30 जून और फिर 31 जुलाई  किया गया। इसके बाद 30 सितंबर और अब 30 नवंबर कर दिया गया है। 
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तारीख नहीं बढ़ाने पर होती मुश्किल
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेट नहीं बढ़ाने पर काफी लोगों के लिए बड़ी मुश्किल हो जाती। कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों की वजह से अभी सबों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान नहीं रह गया है।
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देनी पड़ती है लेट फीस
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेट नहीं बढ़ाने पर बाद में रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों को वित्त वर्ष 2018-19 के लेट फीस देनी पड़ती। लेट फीस अधिकतम 1000 रुपए लगती है, लेकिन इनकम 5 लाख रुपए से ज्यादा हो तो 10 हजार रुपए तक की लेट फीस भी देनी पड़ सकती है।
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क्या होता है बिलिटेड और रिवाइज्ड रिटर्न
बिलिटेड रिटर्न का मतलब है कि इनकम टैक्स रिटर्न डेडलाइन के बाद भरी जा रही हो। वहीं, रिवाइज्ड रिटर्न का मतलब यह है कि कोई व्यक्ति पहले भरी गई रिटर्न में कोई जानकारी देना भूल गया हो।

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किस सेक्शन के तहत भरे जाते हैं ये रिटर्न
आमतौर पर टैक्स छूट न क्लेम करना या इनकम के बारे में जानकारी या बैंक अकाउंट की जानकारी देना आदि में गलती होने पर रिवाइज्ड रिटर्न भरा जाता है। बिलिटेड आईटीआर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 139 4 के तहत भरा जाता है। वहीं, रिवाइज्ड रिटर्न 139 5 के तहत भरा जाता है।
(फाइल फोटो)

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