कमाई से ज्यादा जरूरी है बचत, इस तरह सिर्फ 150 जमा करते-करते बना लेंगे 7 लाख 30 हजार रुपये

बिजनेस डेस्क। किसी भी व्यक्ति की हर महीने की कमाई से ज्यादा जरूरी हर महीने उसकी बचत से है। हो सकता है कि आप किसी कंपनी में काम कर रहे हों और सहकर्मी या बॉस आपसे ज्यादा सैलरी पाते हों। लेकिन अगर आप स्मार्ट बचत करते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि सैलरी में कम होने के के बावजूद आठ से दस साल के बाद आप सेविंग्स के मामले में अपने बॉस या सहकर्मी से ज्यादा या बराबर रह सकते हैं। बचत में के लिए बहुत ज्यादा रकम के निवेश की जरूरत भी नहीं है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2020 1:33 PM IST / Updated: Jun 29 2020, 08:56 PM IST
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कमाई से ज्यादा जरूरी है बचत, इस तरह सिर्फ 150 जमा करते-करते बना लेंगे 7 लाख 30 हजार रुपये

स्माल सेविंग्स में "रिकरिंग डिपॉजिट" यानी आरडी ऐसी ही एक स्कीम है। ये स्कीम पोस्ट ऑफिस के साथ लगभग हर सरकारी-प्राइवेट बैंक में उपलब्ध है। कोई भी व्यक्ति अपनी कमाई में एक निश्चित राशि को आरडी के जरिए सेविंग्स में डाल सकता है। ये सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की तरह है और इस पर बढ़िया ब्याज भी मिलता है। 

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हालांकि आरडी पर ब्याज की दरें अलग-अलग हैं। जैसे पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए आरडी खाता खोलने पर 5.8 फीसदी सालाना तिमाही कंपांउंडिंग में ब्याज मिलता है। इसी तरह देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक में पांच साल के लिए यह दर 5.7 प्रतिशत है। यह भी जान लीजिए कि एसबीआई अपने कर्मचारियों को आरडी स्कीम में 1 प्रतिशत ज्यादा ब्याज देता है। 

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आरडी में अधिकतम मेच्योरिटी पीरियड 10 साल तक है। अलग-अलग जगहों पर आरडी पर 5.5 से 6 प्रतिशत के बीच ब्याज मिल रहा है। खास बात यह है कि इसमें निवेश राशि के डूबने का जोखिम लगभग न के बराबर रहता है। 

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आरडी टर्म डिपाजिट है। कई मामलों में ये एफ़डी से ज्यादा बेहतर है। इसमें एफ़डी की तरह एकमुश्त पैसे निवेश नहीं करने पड़ते। कम से कम 100 रुपये महीने से लेकर अधिकतम कितना भी पैसा डाला जा सकता है। हालांकि कुछ प्राइवेट बैंकों में न्यूनतम राशि की लिमिट ज्यादा है। डाकघर के साथ लगभग सभी बैंक ग्रहकों को ऑनलाइन अकाउंट खोलने की सुविधा देते है। 

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मान लीजिए कि आपने एसबीआई में कोई आरडी 10 साल के लिए ली है। आपको रोजाना 150 रुपये जमा करना होगा। इस हिसाब से आप महीने में 4500 रुपये जमा करते हैं। इस गणित से आप 12 महीने यानी एक साल में 54 हजार रुपये जमा करते हैं। 10 साल की अवधि में आप कुल 5 लाख 40 हजार रुपये जमा करते हैं। 

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10 साल के इस निवेश पर बैंक 5.8 फीसदी सालाना तिमाही कंपाउंडिंग ब्याज दर के हिसाब से 1 लाख 90 हजार रुपये का ब्याज देती है। इस तरह मेच्योरिटी पर कुल रकम 7 लाख 30 हजार हो जाती है। यह भी ध्यान रखें कि 10 हजार महीने से ज्यादा कमाई करने वालों को आरडी पर मिलने वाले पैसे के लिए टीडीएस भी देना पड़ता है।

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तो समय गंवाने से अच्छा है कि आमदनी के हिसाब से कोई आरडी स्कीम ले लीजिए। धीरे-धीरे किया गया ये निवेश भविष्य में कमा आएगा। 

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