अब आने वाला है Tata का ऐप, जानें इससे कैसे मिलेगा कमाई करने का मौका

बिजनेस डेस्क। टाटा ग्रुप (Tata Group) द्वारा संचालित किया जाने वाला टाटा ट्रस्ट अब क्षेत्रीय शिल्पकला को प्रोत्साहन देने के लिए और शिल्पकारों को बाजार मुहैया कराने के लिए जल्द ही एक ऐप और वेबसाइट लॉन्च करने जा रहा है। बता दें कि देश में परंपरागत शिल्पकारों की बनाई चीजों की मांग तो काफी है, लेकिन उन्हें ऐसा कोई सुविधाजनक प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा है, जिसके जरिए वे अपनी चीजें बाजार तक आसानी से ला सकें। इसलिए देश के दूर-दराज इलाकों में रह कर काम करने वाले शिल्पकारों की कलात्मक चीजें लोगों तक नहीं पहुंच पाती हैं। इस समस्या को देखते हुए टाटा ट्रस्ट ने 'अंतरण' प्रोग्राम के तहत  क्राफ्ट एक्सचेंज (Craft Xchange) नाम से एक ऐप और वेबसाइट को लॉन्च करने जा रहा है। टाटा ट्रस्ट के एक अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसका मकसद शिल्पकारों की पहुंच खरीददारों तक आसान बनाना है। इस ऐप और वेबसाइट के जरिए वे आसानी से एक-दूसरे से संपर्क कर सकेंगे और ट्रेडिशनल क्राफ्ट की बिक्री के लिए एक प्लेटफॉर्म विकसित होगा। (फाइल फोटो)
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 20, 2021 5:52 AM IST / Updated: Jan 20 2021, 12:43 PM IST
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अब आने वाला है Tata का ऐप, जानें इससे कैसे मिलेगा कमाई करने का मौका
टाटा ट्रस्ट के इस ऐप के जरिए देशभर के शिल्पकार आसानी से अपनी बनाई चीजों को प्रदर्शित कर सकेंगे और ग्राहकों से उनका संपर्क भी आसानी से होगा। वे अपनी बनाई चीजों की कीमत भी इस ऐप पर लिस्ट कर सकेंगे। (फाइल फोटो)
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टाटा ट्रस्ट के एक ऑफिशियल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक शिल्पकारों और खरीददारों के बीच सीधा संपर्क नहीं हो पाना एक बड़ी समस्या थी। इससे बिचौलियों को फायदा उठाने का मौका मिल जाता था और शिल्पकारों को उनकी चीजों के सही दाम नहीं मिल पाते थे। इस ऐप के बन जाने के बाद ऐसी कोई समस्या नहीं रहेगी। (फाइल फोटो)
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इस ऐप के जरिए शिल्पकार अपनी डिजाइनों को शेयर कर सकेंगे, ताकि खरीददार इसे देख सकें। अगर कोई खरीददार अपने मन मुताबिक डिजाइन बनवाना चाहता है, तो वह इस ऐप के जरिए शिल्पकारों से संपर्क कर सकता है। इसके बाद खरीददार शिल्पकारों से उनके प्रोडक्ट्स खरीदकर डिलिवरी ले सकता है। (फाइल फोटो)
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इस ऐप के जरिए शिल्पकार ऑर्डर मिलने के बाद प्रोडक्शन के बारे में जानकारी अपडेट कर सकेंगे। इससे खरीददार को पता चल जाएगा कि उनके द्वारा तैयार किया गया प्रोडक्ट किस स्टेज में है और उन्हें कब तक डिलिवरी मिल सकेगी। इस ऐप में यह भी सुविधा होगी कि शिल्पकार इनवॉइस तैयार कर सीधे अपना प्रोडक्ट कस्टमर को भेज सकेंगे। टाटा ट्रस्ट की अंतरण टीम इस ऐप के जरिए दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी। (फाइल फोटो)
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टाटा ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि ऐप अभी बीटा फेज में है और 30 शिल्पकार पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसके साथ काम कर रहे हैं। ये 30 शिल्पकार अंतरण के 6 क्लस्टर से हैं। अभी तक उन्होंने नल्ली सिल्क, तनेरिया, रिलायंस स्वदेशी और रेमंड के साथ काम किया है। इस ऐप को एंड्रॉयड और आईओएस (iOS) प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया जाएगा। (फाइल फोटो)
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टाटा ट्रस्ट अंतरण प्रोग्राम के तहत इन शिल्पकारों को प्रशिक्षित करने की दिशा में भी काम कर रहा है। इस पहल के तहत इन शिल्पकारों को उद्यमी बनने के लिए पूरी मदद दी जा रही है। अंतरण प्रोग्राम के जरिए टाटा ट्रस्ट ओडिशा, असम, आंध्र प्रदेश और नागलैंड के 6 क्लस्टर्स में काम कर रहा है, ताकि वहां के क्षेत्रीय शिल्प को बढ़ावा दिया जा सके। (फाइल फोटो)
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