इस मास्टरप्लान के जरिए Reliance के 5 लाख कर्मचारियों को Corona Virus से बचाएंगे मुकेश अंबानी
बिजनेस डेस्क: RIL के कारोबार पर कोरोनोवायरस का बुरा असर हुआ है और साथ ही क्रूड ऑयल की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। पिछले साढ़े तीन महीनों में कंपनी को 4.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि पिछले साल नवंबर में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रुपये के पार गया था। इसके साथ ही सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वॉर शुरू करने के लगभग एक हफ्ते बाद ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में लगभग 35 फीसदी की गिरावट आई है।
Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2020 5:58 AM IST / Updated: Mar 18 2020, 06:12 PM IST
इन सबसे निपटने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी लगभग एक महीने से अपने पांच लाख कर्मचारियों और व्यापार पर कोरोनावायरस के असर का जायजा लेने के लिए हर दूसरे-तीसरे दिन एक मीटिंग कर रहे हैं।
रिलायंस के प्रवक्ता ने बिजनेस टुडे से बातचीत में बताया कि "वह (मुकेश अंबानी) रिलायंस के उन कर्मचारियों के बारे में चिंतित हैं जो विदेश में काम के सिलसिले में अक्सर यात्रा करते रहते हैं। इसके अलावा अंबानी विदेशों में काम कर रिलायंस के कर्मचारियों के बारे में भी चिंतित हैं। किसी भी तरह के हालत से निपटने के लिए कंपनी डॉक्टरों की एक टीम से सलाह ले रहा है। इसके अलावा कंपनी ने अपने परिसरों के आस-पास स्वास्थ्य मानकों को निर्धारित किया है। इसके अलावा रिलायंस की डिजिटल टीम ने पहले ही एहतियाती अभियान चला रखा हैं।"
रिलायंस ने अपने कर्मचारियों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है जिस पर किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में बात की जा सकती है।
इसके अलावा रिलायंस ने नवी मुंबई के रिलायंस कॉरपोरेट पार्क और जामनगर में स्थित पेट्रोकेमिकल रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स में और ज्यादा सावधानी बरती गई है। इसके अलावा देश भर में फैले रिलायंस के रिटेल आउटलेट्स में भी साफ सफाई का काफी ध्यान रखा जा रहा है। रिलायंस के एक अधिकारी ने बताया कि "हमारे पास किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में परिवारों से संपर्क करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर है। इसके अलावा रिलायंस के सभी परिसरों में हमारे पास डॉक्टर भी हैं।''
वर्क फ्रॉम होम: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने डिवीजन हेड्स को घर से काम करने का भी ऑफर दिया है, जिसमें खासकर महिला कर्मचारी हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कर्मचारियों को काम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कम से कम ट्रेवल करना पड़े जिससे वे सार्वजनिक स्थानों के संपर्क में नहीं आएंगे। बता दें कि रिलायंस के ऑफिस में चौदह फीसदी हिस्सा महिलाओं का है।
RIL के लगभग 5 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से ज्यादातर भारत में हैं। उनमें से कुछ अमेरिका में अपने कार्यालयों में भी हैं क्योंकि इसमें व्यापार संबंधों के अलावा शेल गैस में निवेश है। यह मध्य पूर्व से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल की खरीद करता है और तैयार उत्पादों को एशियाई और यूरोपीय बाजारों में बेचता है। इन देशों में कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है, जबकि भारत ने भी मामलों में लगातार वृद्धि देखी है।
रिलायंस ने दूरस्थ क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारीयों को Jio और Microsoft टीमों के मदद से अपने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा हुआ हैं। इसके अलावा, एचआर प्लेटफॉर्म 'कर्मचारी एक्सपीरियंस प्लेटफॉर्म' (EmpXP) कर्मचारियों के किसी भी सवाल का हल कर रहा है, जिसमें स्वास्थ्य, आपातकाल से संबंधित विषय शामिल हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म को AI(आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) और Agument Reality के मदद से चलाया जा रहा है।
रिलायंस के सभी आउटलेट्स में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके अलवा उन स्टोर्स के कर्मियों को ग्राहकों से थोड़ी दुरी से बात करने को कहा गया है।
रिलायंस ने जियो और अपनी पेट्रोकेमिकल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए पिछले पांच वर्षों में लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस क्रम में Jio ने पिछले कुछ सालों में लगभग 1.3 लाख कर्मचारियों की भर्ती की है। कंपनी मार्च 2021 तक कंपनी कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य बना रही थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण बाजार की हालत बिगड़ गई। इसके अलावा आरआईएल ने अपने शुरुआती आईपीओ को लॉन्च करने से पहले रणनीतिक निवेशकों को रिलायंस रिटेल और जियो में कुछ हिस्से बेचने की योजना बनाई है।