inspirational story:134 साल पुराने ब्रांड किर्लोस्कर के दिवंगत मालिक विक्रम ने खुद को कभी 'रईस' नहीं माना

बेंगलुरु(Bengaluru). टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष विक्रम एस किर्लोस्कर का मंगलवार को निधन(Toyota Kirloskar Motor Vice Chairperson Vikram S Kirloskar has died) हो गया है। वह 64 वर्ष के थे। किर्लोस्कर के परिवार में उनकी पत्नी गीतांजलि किर्लोस्कर और बेटी मानसी किर्लोस्कर हैं।विक्रम ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(MIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। वे लंबे समय तक CII, SIAM  और ARAI में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते रहे। विक्रम किर्लोस्कर  अपने परिवार की चौथी पीढ़ी का नेतृत्व करते थे, जिनके समय में कंपनी ने तरक्की के कई आयाम देखे। वे किर्लोस्कर सिस्टम्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर थे। पढ़िए कुछ प्रेरक प्रसंग...

Amitabh Budholiya | Published : Nov 30, 2022 3:46 AM IST / Updated: Nov 30 2022, 09:17 AM IST
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inspirational story:134 साल पुराने ब्रांड किर्लोस्कर के दिवंगत मालिक विक्रम ने खुद को कभी 'रईस' नहीं माना

इसी अगस्त में hellomagazine.com को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में विक्रम किर्लोस्कर की अर्धांगिनी गीतांजलि ने अपनी जिंदगी के कई महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा किया था। यह परिवार बेंगलोर में किर्लोस्कर बिजनेस पार्क के अंदर बने एक बंगले में रहता है। घर को डेकोरेट करने में गीतांजलि की विक्रम ने पूरी मदद की थी। इनके खूबसूरत बंगले में एक बड़ा-सा पार्क है, जिसमें एक पूल और एक इनवाइटिंग गज़ेबो( inviting gazebo) है। गज़ेबो बगीचे या आंगन में चारों ओर से खुली एक छोटी इमारत या जगह होती है, जहां से बाहर का नजारा देखा जा सकता है।
 

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गीतांजलि ने इंटरव्यू में कहा था कि उनके उनके इस घर के चीफ आर्किटेक्ट थे। जिनकी देखरेख में बंगले को ऐतिहासिक रंग दिए गए थे। बंगले का ज्यादातर फर्नीचर बेंगलुरु के प्रसिद्ध विरास्प बाटलीवाला(Virasp Batliwala) से बनवाया गया था। गीतांजलि के अनुसार, अपने सपनों का घर बनाने के लिए उन्होंने किर्लोस्कर सिस्टम्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अपने पति विक्रम के साथ मिलकर काम किया। फोटो क्रेडिट-hellomagazine.com

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गीतांजलि ने इस इंटरव्यू में बताया था कि उनकी शादी को 40 साल हुए, जिसमें वे सफल रहे। उनकी विविध पृष्ठभूमि(diverse backgrounds ) ने उनके अनुशासित पालन-पोषण से प्रेरित होकर उनके जीवन को एक साथ समृद्ध किया।

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इसी इंटरव्यू में विक्रम किर्लोस्कर ने कहा था-"मेरा जीवन आसान नहीं था।मैं ऊटी के लॉरेंस स्कूल में पढ़ने गया, जहां मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। फिर MIT में अध्ययन किया। मैंने अपना सारा जीवन काम किया है। स्कूलिंग के ठीक बाद काम शुरू किया। मैंने यूएस में समर कैंप में भी काम किया, क्योंकि मुझे अपना मनोरंजन करने के लिए पैसों की जरूरत थी। मैं छह साल में केवल दो बार छुट्टी मनाने घर आता था।”

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करीब 134 साल पुरानी कंपनी के मालिक रहे विक्रम किर्लोस्कर ने इस इंटरव्यू में एक बहुत बड़ी बात कही थी। “हम शून्य ऋण(zero debt) वाली एक रूढ़िवादी कंपनी(conservative company) हैं और भाग्यशाली हैं कि हम इतने लंबे समय तक जीवित रहे। हो सकता है कि हम बहुत बड़े न हों, लेकिन हमारे पास एक अच्छा नाम है, बेहतरीन गुणवत्ता वाले उत्पादों की पेशकश करते हैं और अपने ग्राहकों की देखभाल करते हैं।"
 

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विक्रम किर्लोस्कर की बेटी मानसी भी अपने ही पिता के कदमों पर चलती हैं। मानसी ने रोड आइलैंड इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन(Rhode Island Institute of Design) से पेंटिंग्स सीखी है। वे दर्जभर से अधिक सोलो एग्जिबिशन लगा चुकी हैं। बच्चों के लिए चैरिटी करती हैं। वे टूक कहती आई हैं-अगर मैं चांदी के चम्मच के साथ पैदा हुई हूं, अगर मैं सक्षम नहीं हूं, तो मैं इसे रातोंरात खो सकती हूं।”

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अगस्त में विक्रम किर्लोस्कर की लीडरशिप में कंपनी ने रिकॉर्ड सेल की थी: इसी अगस्त को टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने ऐलान किया था कि कंपनी ने जुलाई 2022 में कुल 19,693 यूनिट्स बेचकर भारत में अपनी स्थापना के बाद से किसी एक महीने में निर्माता द्वारा की गई अब तक की सबसे ज्यादा थोक बिक्री का रिकॉर्ड कायम किया था। यह 2021 की इसी अवधि में हुई थोक बिक्री की तुलना में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही थी। टीकेएम ने जुलाई 2021 में 13,105 गाड़ियां बेची थीं, जबकि जून 2022 में 16,500 यूनिट्स की थोक बिक्री की थी। यह 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी मानी गई थी।

फोटो क्रेडिट-hellomagazine.com

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किर्लोस्कर ग्रुप एक सदी से भी अधिक समय से भारतीय उद्योग जगत में एक मुकाम पर रहा है। भारत में आयरन की कमी को पूरा करने सहित स्वदेशी तकनीक में भी इस कंपनी ने बड़ा योगदान दिया है। बता दें कि विक्रम किर्लोस्कर 1888 में लक्ष्मणराव किर्लोस्कर द्वारा स्थापित इस ग्रुप में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे में किर्लोस्कर कमिंस में प्रॉडक्शन इंजीनियरिंग में एक ट्रेनी के तौर पर शामिल हुए थे।

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