LTC कैश वाउचर स्कीम का कैसे उठा सकते हैं फायदा, जानें इसके लिए क्या करना होगा

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार (Central Govt) ने एलटीसी (LTC) स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत सरकारी इम्प्लॉई को यात्रा करने में छूट मिलती है। कोरोना महामारी (Covid-19) की वजह से जो लॉकडाउन लगया गया, उसमें कर्मचारी इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके। इस वजह से अब सरकार ने कर्मचारियों को एलटीसी और एलटीए वाउचर के बदले खरीदादारी पर छूट का क्लेम करने की सहूलियत दी है। जानें कैसे इस स्कीम का उठा सकते हैं फायदा।
(फाइल फोटो)

Asianet News Hindi | Published : Mar 21, 2021 3:02 PM IST / Updated: Mar 21 2021, 08:34 PM IST
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LTC कैश वाउचर स्कीम का कैसे उठा सकते हैं फायदा, जानें इसके लिए क्या करना होगा
केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर 2020 को एलटीसी कैश वाउचर स्कीम (LTC Cash Voucher Scheme) की घोषणा की थी। इसके मुताबिक, केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी 31 मार्च 2021 तक 12 फीसदी और उससे ज्यादा जीएसटी (GST) वाले सर्विस या गुड्स को खरीद कर इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। (फाइल फोटो)
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बहरहाल, यह योजना उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी, जिन्होंने नई कर व्यवस्था का ऑप्शन चुना है। इसमें कर की दरें कम हैं, लेकिन अधिकांश कटौती और छूट को छोड़ना होता है। इसके अलावा टैक्सपेयर को पहले से ही ब्लॉक के लिए एलटीसी छूट समाप्त नहीं करनी चाहिए। बता दें कि वर्तमान ब्लॉक 2018-21 है। (फाइल फोटो)
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इस योजना के तहत हर टैक्सपेयर 4 साल के ब्लॉक में 2 यात्रा के लिए एलटीए छूट का दावा कर सकता है। यह योजना पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में निजी क्षेत्र के लिए कर्मचारियों के लिए भी शुरू कर दी गई। (फाइल फोटो)
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इस योजना के तहत फायदा हासिल करने के लिए कर्मचारियों को 12 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच खरीद के लिए बिल जमा करना जरूरी है। खर्च करने के लिए जरूरी राशि डीटीसी किराया के तीन गुना के बराबर है। (फाइल फोटो)
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इस योजना के तहत 12 फीसदी तक या उससे ज्यादा के जीएसटी (GST) के साथ वस्तुओं और सेवाओं के बिल का दावा किया जा सकता है। वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करना अनिवार्य होगा। (फाइल फोटो)
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इस स्कीम के तहत रीइम्बर्समेंट (Reimbursement) के लिए जो इनवॉयस दिया जाएगा, वह उस कर्मचारी के नाम पर होना चाहिए, जो स्कीम का फायदा ले रहा है। परिजनों के किए गए पेमेंट को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। अगर रीइंबर्स की जाने वाली रकम इस्तेमाल एडवांस रकम से कम है, तो इसे अंडर यूटिलाइजेशन माना जाएगा। हालांकि, क्लेम के कैलकुलेशन के बाद जो बैलेंस अमाउंट बनेगा, उसे कर्मचारी से वसूला जा सकता है। (फाइल फोटो)
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