इस इन्श्योरेंस प्लान में पैसा लगाने पर मिल रहा है काफी फायदा, जानें डिटेल्स
बिजनेस डेस्क। कोई भी अपने निवेश (Investment) पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न हासिल करना चाहता है। लाइफ इन्श्योरेंस (Life Insurance) के यूनिट लिंक्ड प्लान में रिटर्न काफी मिलता है। इन्हें यूलिप (ULIP) कहते हैं। इसमें बीमा के लाभ के साथ ही हाई रिटर्न मिलता है, जो निवेश करने वाले की जोखिम लेने की क्षमता पर भी निर्भर करता है। लाइफ इन्श्योरेंस की पेशकश के अलावा यूलिप्स निवेशक को वित्तीय बाजार (Financial Market) के स्टॉक्स व बॉन्ड्स में निवेश की इजाजत देते हैं।
(फाइल फोटो)
यूलिप्स (ULIPS) में 5 साल का लॉक इन पीरियड (Lock in Period) रहता है। इस प्लान के कई फायदे हैं। इनमें से एक टैक्स बेनिफिट भी है। इसे देखते हुए यूलिप्स में निवेश करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। (फाइल फोटो)
प्रीमियम (Premium) के पेमेंट से लेकर फंड के सिलेक्शन तक, यूलिप्स (ULIPS) में निवेश करने में कई फ्लेक्सिबिलिटीज हैं। अगर आपके पास निवेश के लिए काफी अमाउंट है, तो आप सिंगल प्रीमियम यूलिप के साथ इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा, रेग्युलर प्रीमियम जमा करने का ऑप्शन तो है ही। (फाइल फोटो)
यूलिप्स में निवेशक प्रीमियम का भुगतान सालाना या मासिक आधार पर भी कर सकता है। अगर आपको बोनस वगैरह मिला है और उसे इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो यूलिप्स में टॉपअप का ऑप्शन भी रहता है। टॉपअप से मौजूदा प्रीमियम के ऊपर निवेश किया जा सकता है और ज्यादा फंड तैयार किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
यूलिप्स में आप इक्विटी, बैलेंस्ड या डेट फंड ऑप्शन्स में से चुनाव कर सकते हैं। इसके अलावा यूलिप्स में आपको वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने और जरूरत पड़ने पर फंड स्विच करने का भी विकल्प मिलता है। कुछ न्यू एज यूलिप्स ऐसी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी की पेशकश करते हैं, जहां बीमाकर्ता आपकी उम्र और वित्तीय लक्ष्य के आधार पर निवेश को मैनेज करता है। (फाइल फोटो)
यूलिप्स में लॉन्ग टर्म लक्ष्यों जैसे घर खरीदना, रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा या शादी को पूरा करने के लिए बचत करने में मदद मिलती है। यूलिप्स में रेग्युलर बेसिस पर निवेश करने पर आपका पैसा लगातार कम्पाउंड होता रहता है और इससे हाई रिटर्न मिलता है। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि लॉक इन पीरियड पूरा होने से पहले प्रीमियम का भुगतान रोकने या पॉलिसी सरेंडर करने से उतना रिटर्न नहीं मिलेगा, जितने की उम्मीद रखी गई हो। (फाइल फोटो)
यूलिप्स में प्रीमियम भुगतान पर आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है। वहीं, मेच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट पर भी सेक्शन 10 (10D) के तहत टैक्स से छूट मिलती है। यूलिप्स इक्विटी और डेट फंड्स के बीच टैक्स फ्री स्विचेस की भी पेशकश करते हैं, लेकिन यह पॉलिसी के नियम व शर्तों पर आधारित होता है। (फाइल फोटो)
यूलिप्स में जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी का विकल्प रहता है। 5 साल का लॉक इन पीरियड पूरा होने के बाद आंशिक निकासी की सुविधा के तहत इमरजेंसी होने पर पैसा निकाला जा सकता है। (फाइल फोटो)