कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देश में क्यों बढ़ रही है कैश की डिमांड

बिजनेस डेस्क. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देश में एक बार फिर कैश (cash) की डिमांड बढ़ने लगी है। मार्च 2020 में लॉकडाउन के दौरान भी देश में नगद पैसों की मांग बढ़ी थी। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डेटा से पता चलता है कि मार्च-2021 के अंत तक देश की जनता के पास 16 प्रतिशत से अधिक लगभग 4 लाख करोड़ रुपये की का कैश में उछाल आया है। कोविड -19 की बिगड़ती स्थिति के देखकर कहा जा सकता है कि इसकी डिमांड और बढ़ सकती है। 

Asianet News Hindi | Published : May 15, 2021 6:33 AM IST

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देश में क्यों बढ़ रही है कैश की डिमांड

क्यों बढ़ रही है डिमांड
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सख्त लॉकडाउन का डर, दवाई में होने वाला खर्च, किसी तरह की इमरजेंसी के कारण लोगों अब डिजिटल पेमेंट की जगह कैश पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं। जिस कारण से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कैश की डिंमाड बढ़ रही है। 

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क्या कहता है RBI
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 9 अप्रैल को समाप्त हुए हफ्ते में जनता के पास कैश में 30,191 करोड़ रुपये की उछाल आई और यह 27 ट्रिलियन रुपये से अधिक के उच्च स्तर पर पहुंच गई। 27 फरवरी से 9 अप्रैल तक जनता के पास मौजूदा समय में करीब 53,000 करोड़ रुपये के कैश की वृद्धि हुई है। 

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कब निकला सबसे अधिक कैश
सबसे अधिक कैश तब निकाला गया जब राज्यों के द्वारा लॉकडाउन किया जा रहा था। टोटल लॉकडाउन के डर के कारण लोगों ने अधिक पैसे निकालकर अपने पास रखे। इस समय भारत का 98 प्रतिशत हिस्सा किसी न किसी रूप में लॉकडाउन में है। कैश पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिली। 

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सख्त लॉकडाउन का डर
साल 2020 की तरह इस साल भी कैश की डिमांड बढ़ी है। राज्यों में जैसे-जैसे लॉकडाउन होता गया लोग कैश निकालकर रखने लगे। आरबीआई के अनुसार, 28 फरवरी, 2020 को समाप्त हुए हफ्ते में जनता के पास कुल 22.55 लाख करोड़ रुपये थे। जो जून 2020 को बढ़कर 25.62 लाख करोड़ रुपये हो गई थी।
 

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क्या कहना है एक्सपर्ट का
एक्सपर्ट के अनुसार, लोग इमरजेंसी के समय में कैश के जरिए पमेंट करना पसंद करते हैं। चाहे वह डेली जरूरत का सामान हो या फिर मेडिकल इमरजेंसी। जैसे की अस्पतालों द्वारा कोविड -19 के संक्रमितों के इलाज के समय कैशलेस इंश्योरेंस को नहीं लेने की खबरें सामने आईं। ऐसे में इलाज के लिए संक्रमित के रिलेटिव को कैश का इंतजाम करना पड़ा। जिसके बाद अब लोग कैश निकालकर अपने पास किसी भी इमरजेंसी के लिए रख रहे हैं।

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ये भी हो सकते हैं कारण
बैंकों में कैश नहीं जमा करने का एक कारण लोगों के बीच डर भी हो सकता है। लेकिन 2017 के बाद से देश में डिजिटल पेमेंट बढ़ा है। शहरी क्षेत्रों में अभी भी डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं।  

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