'पेइंग गेस्ट' के आइडिया ने बदल दी इनकी लाइफ, खड़ी कर दी 20 करोड़ के टर्न ओवर वाली कंपनी

अकसर अपने घर से दूर किसी अन्य शहर में पढ़ाई करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स को किराये के घर या कमरे लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कोई मालिक लड़कों को घर नहीं देता, तो कहीं छोटा और कम किराये वाला घर नहीं मिलता। हॉस्टल मिलते हैं, तो उनमें सुविधाओं की कमी के कारण मन नहीं लगता। 23 साल के सनी गर्ग जब ग्रेजुएशन के सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने भी इसी परेशानी का सामना किया। बस, तभी दिमाग में एक आइडिया कि क्यों न स्टूडेंट्स के लिए वे पेइंग गेस्ट(PG) सुविधा दिलाने वाला कोई काम-धंधा शुरू करें। इस संबंध में उन्होंने अपनी दोस्त शैफाली जैन से चर्चा की। आइडिया दोनों को पसंद आया, हालांकि शुरुआत में यह उम्मीद नहीं थी कि यह सक्सेस होगा। लेकिन कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। दोनों ने 2018 में 'योरशेल' नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया। आज इनकी कंपनी का सालाना टर्न ओवर करीब 20 करोड़ रुपए है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2021 4:21 AM IST
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'पेइंग गेस्ट' के आइडिया ने बदल दी इनकी लाइफ, खड़ी कर दी 20 करोड़ के टर्न ओवर वाली कंपनी

दिल्ली के रहने वाले सनी गर्ग और शैफाली ने नवंबर, 2019 में इसी सेक्टर में काम करने वाली कंपनी स्टैंजा लिविंग को खरीद लिया। पिछले साल सनी और शैफाली ने एक नया स्टार्टअप ‘एई सर्किल’ शुरू किया है। यह अपना स्टार्टअप शुरू करने वालों की मदद करता है। सनी बताते हैं कि शुरुआत में सबकुछ ऐसे ही चल रहा था। फिर प्रधानमंत्री मोदी की ‘स्टैंडअप इंडिया-स्टार्टअप इंडिया’के तहत उन्होंने 35 लाख रुपए का लोन लिया। इसस अपना स्टार्टअप योरशेल शुरू किया। कुछ पैसा उधार लिया। फिर 150 बेड से योरशेल की शुरुआत की।  योरशेल में सनी और शेफाली जैन के अलावा विशेष और गौरव वर्मा भी फाउंडर हैं। 
(सनी गर्ग और शैफाली जैन)

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सनी बताते हैं कि पीजी ढूंढ़ना मुश्किल का काम होता है। सनी खुलासा करते हैं कि हम कुछ दोस्तों ने मिलकर इंटर्न हायर किए। फिर यह मालूम किया कि किन लोगों को पीजी की जरूरत है। इसके बाद पोस्टर्स छपवाकर अलग-अलग कॉलेजों के बाहर चिपकवा दिए। इस तरह स्टूडेंट्स ने हमसे संपर्क किया।
(सनी गर्ग और शैफाली जैन)

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सनी बताते हैं कि पीजी ढूंढ़ना मुश्किल का काम होता है। सनी खुलासा करते हैं कि हम कुछ दोस्तों ने मिलकर इंटर्न हायर किए। फिर यह मालूम किया कि किन लोगों को पीजी की जरूरत है। इसके बाद पोस्टर छपवाकर अलग-अलग कॉलेजों के बाहर चिपकवा दिए। इस तरह स्टूडेंट्स ने हमसे संपर्क किया।
(सनी गर्ग और शैफाली जैन अपनी टीम के साथ)

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सनी बताते हैं कि हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि स्टूडेंट्स को किस इलाके में और कितने खर्चवाली जगह चाहिए। शुरुआत में ही सनी ने करीब 2500 से ज्यादा स्टूडेंट्स से संपर्क करके 300 लोगों को पीजी दिलाए। यानी शुरुआती 20-25 दिनों में ही उन्होंने करीब 7.5 लाख रुपए कमाए थे।
(सनी गर्ग और शैफाली जैन अपनी टीम के साथ)

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ऐसे शुरू कर सकते हैं आप भी अपना ऐसा स्टार्ट अप
-किसी अच्छी जगह, खासकर ऐसी लोकेशन जहां स्कूल-कॉलेज, कोचिंग क्लासेस नजदीक हैं, को लीज पर लें
- उसे फर्निश्ड कराएं, ऐसी जगह चुनें जहां पार्किंग की दिक्कत न हो
-फिर स्कूल-कॉलेज और कोचिंग क्लासेस में पोस्टर आदि के जरिये प्रचार कर दें

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