बात सिर्फ लॉकडाउन में काम-धंधा बंद होने की नहीं है। रोजगार पहले से ही एक समस्या रही है। इसकी एक बड़ी वजह युवाओं में सरकारी या प्राइवेट नौकरी चाह होना है। वे मामूली-सी नौकरी के लिए परेशान होते हैं। दूसरा रोजगार के दूसरे कामों में हाथ नहीं आजमाना। लेकिन ये दो कहानियां आपकी सोच बदल देंगी। इनमें से एक कहानी 12वीं तक पढ़ी लड़की की है, जो कभी कम्प्यूटर ऑपरेटर की मामूली नौकरी करती थी। फिर टी-स्टॉल शुरू किया। आज 15-20 हजार रुपए महीने कमा रही हैं। दूसरी कहानी एक ऐसे शख्स की है, जो प्राइवेट ड्राइवर था। लॉकडाउन में नौकरी जाती रही। कोई दूसरी नौकरी नहीं मिली, तो पत्नी के साथ मिलकर चावल-राजमा बेचना शुरू किया। आज ये हर महीने एक लाख रुपए तक की बिक्री कर लेते हैं। पढ़िए दोनों कहानियां और बदलिए अपनी सोच....