बचपन का सपना था बड़ा अधिकारी बनने का... IPS बन पहले पहनी वर्दी फिर IAS बनकर मानी ये लड़की

भोपाल. बेटियां को अगर मौका दिया जाए तो वो सफलता के झंडे गाड़ देती हैं। अगर वो ठान लें कुछ बड़ा करने कि तो माता-पिता का नाम रोशन करके ही दम लेती हैं। ऐसी ही एक बिटियां है जिसने सिर्फ सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर नहीं किया बल्कि IPS से IAS बनकर इतिहास रच दिया। लक्ष्य तय हो तो बुलंदियां छूने से कोई रोक नहीं सकता है। इस बात को उदाहरण मध्य प्रदेश के खरगोन की बेटी गरिमा अग्रवाल हैं। महज दो साल में ही गरिमा दो बार सरकारी नौकरी लग चुकी है। पहले आईपीएस थी और फिर वो आईएएस बनी। IAS-IPS सक्सेज स्टोरी में हम आपको गरिमा की सफलता की कहानी के साथ उनकी टिप्स भी बताएंगे....

Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2020 5:21 AM IST / Updated: Mar 18 2020, 10:56 AM IST

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बचपन का सपना था बड़ा अधिकारी बनने का... IPS बन पहले पहनी वर्दी फिर IAS बनकर मानी ये लड़की
गरिमा अग्रवाल गरिमा खरगोन के समाजसेवी व नामी उद्योगपति कल्याण अग्रवाल व किरण अग्रवाल की छोटी बेटी है। बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल 2013 में यूपीएससी में सलेक्ट हुई थी। गरिमा बचपन से ही होनहार थीं। स्कूल के समय से इन्हें रोटरी इंटरनेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अमेरिका में अध्ययन करने का मौका मिला था।
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गरिमा बताती हैं कि आईएएस बनना मेरा बचपन से ख्वाब था। मैं भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाकर लोगों की सेवा करने का काम करना चाहती थी। वर्ष 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी तो 241वीं रैंक पर चयन हुआ, आईपीएस कैडर मिला था। इसके बाद हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग शुरू कर दी, मगर दिल में उनके आईएएस अफसर बनने का ख्वाब था।
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ट्रेनिंग के साथ-साथ वो यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। जून 2018 प्री और सितंबर 2018 में मेंस दी। 27 मार्च 2019 को साक्षात्मकार हुआ और 5 अप्रेल 2019 को आईएएस बनने का सपना भी पूरा हो गया था। वो सफल रहीं और 40 रैंक के साथ IAS अफसर बन गईं। उनकी मेहनत, हौसले और जज्बे को देख लोग हैरान रह गए।
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बचपन से प्रतिभावान रही गरिमा पढ़ने में काफी अच्छी हैं साथ ही वो कविता लिखने-पढ़ने का शौक रखती हैं। उनकी दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों को गरिमा सक्सेज के मंत्र देती हैं। वो ग्रुप स्टडी, ज्यादा किताबों के फेर में न फंसने की बात कहती है।
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वो कहती हैं यूपीएससी की तैयारी में लोग बताते हैं कि इस किताब में उस टॉपिक पर ज्‍यादा अच्‍छे फैक्‍ट्स मिलेंगे लेकिन अक्‍सर ये करने की वजह से आप किताबों की दुनिया में खो जाते हैं और मुद्दे से भटक जाते हैं इसलिए लिमिटेड किताबों से ज्‍यादा से ज्‍यादा पढ़ने की कोशिश करें।
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तैयारी के दौरान ग्रुप डिस्‍क्‍शन में हिस्‍सा लें। मैं अपनी दो दोस्‍तों के साथ बहुत डिस्‍क्‍शन करती थी। हम लोग किसी सवाल पर एक साथ आंसर लिखते थे। इसक अलावा सेल्‍फ स्‍टडी भी करते थे। गरिमा सोशल मीडिया से दूरी बनाने को कहती हैं।
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वो बताती हैं, अगर सीरियस ढंग से तैयारी करनी है तो इस दौरान डिस्‍टर्ब्‍ करने वाली चीजों से बिल्‍कुल दूर रहें, जैसे फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, ट्विटर जैसी प्‍लेटाफॉर्म हैं। मैं खुद भी इन सभी चीजों से तैयारी के दौरान एक साल तक दूर रही।
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आईपीएस से आईएएस बनीं गरिमा कहती हैं कि ऐसे लोगों से बस दूरी बनाकर रहें, जो कहते हैं कि और कब तक तैयारी करोगे, नौकरी कब करोगे अब तो जॉब करनी चाहिए। इन लोगों से दूरी बनाकर रखें। गरिमा की कहानी लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा है।
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