इंजीनियर की नौकरी छोड़ बना अफसर...इस दबंग IPS ने मंदिर में जाने से रोक दी थी BJP मंत्री की गाड़ी
नई दिल्ली. वर्दी देख हर दूसरा बच्चा पुलिस में जाना चाहता है। पुलिस अधिकारियों के रौब और दंबग अंदाज को देख ऐसे ही एक लड़के ने भी इंजीनियरिंग के बाद पुलिस में जाने की ठानी। इतना ही नहीं उसने ये भी सोचा कि वो कानून को आम जनता और वीवीआईपी सबके लिए बराबर बनाएगा। चाहे वह नेता हो, अभिनेता हो या देश का प्रधानमंत्री ही क्यों ना हो। नियमों को ताख पर रखकर नेता, मंत्रियों को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं देने देगा। उसने ऐसा किया भी मंदिर परिसर में केंद्रीय मंत्री की निजी गाड़ी नहीं जाने दी। IPS सक्सेज स्टोरी में आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं....
Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2020 5:41 AM IST / Updated: Apr 10 2020, 11:16 AM IST
इस अफसर का नाम है यतीश चंद्र जो बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बापू जी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी में दाखिला लिया। बीटेक की डिग्री प्यूडी करने के बाद उन्हें कैंपस प्लेसमेंट में कॉग्निजेंट टेक्नॉलॉजी में साफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर सलेक्ट कर लिया गया था। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयार शरू की और सिविल सर्विसेज परीक्षा 2010 में सफलता भी हासिल की। उन्हे देश भर में 211वां रैंक मिला था। फिलहाल यतीश केरल के त्रिशूर जिले में एसपी के पद पर कार्यरत हैं।
पर एक घटना से यतीश चंद्र देशभर में 'दबंग' ऑफिसर के नाम से फेमस हो गए। इस घटना में उन्होंने मंत्री को आम जनता की तरह व्यवहार करने को मजबूर कर दिया। कुछ दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री राधाकृष्णन अपने काफिले के साथ सबरीमाला मंदिर जा रहे थे।
पर मंत्री के निजी वाहनों के काफिले को आईपीएस यतीश चंद्र ने रोक दिया था। इस दौरान दोनों के बीच जमकर बहस हुई थी। मंत्री के निजी वाहन के प्रवेश पर रोक लगाने पर मंत्री, उनके समर्थकों और आईपीएस के बीच जमकर बहस हुई। इसका विडियो वायरल हो रहा है। इसमें दबंग आईपीएस स्पष्ट शब्दों में मंत्री को कह रहे हैं कि उनके निजी वाहन को परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
दरअसल राधाकृष्णन विपक्षी यूडीएफ गठबंधन के विधायकों और बीजेपी सांसदों के दौरे के एक दिन बाद श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। सुविधाओं की समीक्षा के बाद मंत्री ने आईपीएस अधिकारी से पूछा कि केवल केएआरटीसी के वाहनों को ही पंबा तक आने की इजाजत क्यों दी गई है? उन्होंने निजी वाहनों की आवाजाही की इजाजत देने की भी मांग की।
इसपर आईपीएस चंद्रा ने कहा कि पंबा का पार्किंग एरिया अगस्त में आई बाढ़ में बह गया था। राज्य परिवहन सेवा की बसें पंबा में नहीं रुकेंगी और वह तीर्थयात्रियों को ले कर लौट जाएंगी। लेकिन अगर नजी बसों को आने की इजाज़त दी जाएगी तो उनसे यातायात जाम होगा और श्रद्धालुओं को दिक्कत होगी।
बाबजूद इसके मंत्री उनपर वाहन अंदर ले जाने की अनुमति देने की मांग करते रहे। इसपर आईपीएस यतीश ने कहा कि वहां पर पार्किंग की समस्या है। सरकारी वाहन वहां वीआईपी को उतारकर वापस आ जाते हैं। अगर एक निजी वाहन जाने दिया जाएगा तो अन्य लोग भी वहां जाने का प्रयास करेंगे। अगर वहां ट्रैफिक की व्यवस्था खराब होती है तो क्या आप जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं?' पर मंत्री नें किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया और आईपीएस पर उनके निजी वाहन को अंदर जाने देने के लिए दबाव बनाने लगे। आईपीएस ने कहा, 'आप मुझे लिखकर दे दीजिए तो मैं आपके निजी वाहन को जाने की अनुमति दे दूंगा। बहुत दबाब के बाद भी आईपीएस चंद्रा नें नियमों के सामने मंत्री की एक नहीं चलने दी। अंत में मंत्री को सरकारी वाहन से ही मंदिर जाना पड़ा। इस घटना के बाद उन्हें खूब वाहवाही मिली और वो देशभर में लोगों के हीरो बन गए।