सफलता पाने के लिए पूनम ने ऐसे की मेहनत
पूनम बताती हैं कि वे मरीजों को देखने के बाद रोजाना छह से आठ घंटे की पढ़ाई करती थीं। तैयारी के लिए आप्शनल पेपर मेडिकल साइंस लिया था। मेडिकल का बैक ग्राउंड था, इसलिए पढ़ाई आसान रही। वह रात में भी पढ़ती थीं। तीसरे प्रयास में ही पीसीएस टॉप कर पूनम ने तीसरी रैंक हासिल की। सफलता का श्रेय वह परिवार के सदस्यों को देती हैं।