Success Story: पुजारी का बेटा कैसे बना UP PCS टॉपर, डिप्टी कलेक्टर बनने विशाल सारस्वत ने की दिन-रात पढ़ाई

Published : Feb 20, 2021, 05:04 PM ISTUpdated : Feb 20, 2021, 05:05 PM IST

करियर डेस्क. vishal saraswat success story: हाल में उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज पीसीएस-2019 (UP PCS 2019) के रिजल्ट घोषित हुए हैं। इसमें मथुरा के विशाल सारस्वत ने टॉप किया है। खबरों में छाए विशाल की सक्सेज जर्नी को हर कोई जानना चाहता है। UPSC, स्टेट सिविल सेवा की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स टॉपर्स की स्ट्रेटजी जानने को एक्साइटेड रहते हैं। मथुरा में पुजारी के बेटे विशाल पहले स्थान पर आकर डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं। उनके घर-परिवार और शहर में खुशी का माहौल है। दादी भी पोते की कामयाबी पर झूम उठीं। इस बीच हम विशाल की सक्सेज स्ट्रेटजी और मंत्रा लेकर आए हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे विशाल ने UP PCS में टॉप करने की तैयारी की-

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Success Story: पुजारी का बेटा कैसे बना UP PCS टॉपर, डिप्टी कलेक्टर बनने विशाल सारस्वत ने की दिन-रात पढ़ाई

विशाल की एजुकेशन

 

विशाल सारस्वत मथुरा के रहने वाले हैं। उन्होंने  साल 2011 में हाईस्कूल की परीक्षा महाराष्ट्र में रहकर पास की है। उन्होंने एटा के सेंटपॉल स्कूल से इंटरमीडिएट किया फिर विशाल मथुरा अपने माता-पिता के पास आ गए। यहां उन्होंने बीएसए कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और केआर डिग्री कालेज से अर्थशास्त्र में एमए किया। विशाल का मन शुरू से ही प्रशासनिक सेवाओं में जाने का था। इसलिए उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी।

 

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सेल्फ स्टडी से दूसरी बार में बने टॉपर

 

बिना कोई कोचिंग आदि लिए विशाल ने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी से UP PCS टॉप किया है। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। वो बताते हैं कि उन्होंने रात-दिन एक करके पढ़ाई की। विशाल का UP PCS में दूसरा प्रयास था जिसमें वो न सिर्फ सफल हुए बल्कि टॉप कर गए।

 

पहली बार 2018 में पीसीएस की परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू तक पहुंच सके थे। विशाल ने लगन से प्रयास जारी रखा। फिर 2019 में पीसीएस मुख्य परीक्षा दी। मेन्स और इंटरव्यू में उन्हें बढ़िया स्कोर मिला और फरवरी में रिजल्ट घोषित होने पर वो टॉपर्स की लिस्ट में पहले स्थान पर थे। विशाल को अपने टॉप करने पर भी यकीन नहीं हुआ था।

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विशाल का सक्सेज मंत्र कड़ी मेहनत और सच्ची लगन है। उन्होंने मेहनत और लगन से आप कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। साल 2018 की पीसीएस परीक्षा में उनका चयन नहीं होने पर भी विशाल ने हिम्मत न हारते हुए पूरी लगन से तैयारी की थी। जिसका नतीजा प्रदेश में फर्स्ट रैंक के रूप में सामने आया है। वह तीन बार नेट जेआरएफ में कामयाब हुए।

 

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विशाल ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में वैकल्पिक विषय की तैयारी की। बाकी की तैयारी उन्होंने खुद से ही की। लक्ष्य हासिल करने के लिए लगातार लगे रहने को अपनी सफलता का मंत्र बताते हुए विशाल ने बताया उन्होंने टॉपिक के हिसाब से पीसीएस की तैयारी की। हर दिन कितने घंटा पढ़ा जाए की बजाय उन्होंने प्रतिदिन के हिसाब से टॉपिक क्लियर किए। (Demo Pic)

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बता दें कि, विशाल के बड़े भाई इसरो बेंगलुरू में कार्यरत हैं। विशाल के पिता शिव प्रकाश सारस्वत, प्रकाश नगर में रहते हैं। मां का नाम राजेश्वरी सारस्वत है। विशाल ने बताया कि उनकी सफलता में शिक्षक संघ के अध्यक्ष अतुल सारस्वत का बड़ा योगदान है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था। टॉपर विशाल को दोस्त-परिवार और जिले के अधिकारियों से भर-भर के बधाइयां मिल रही हैं। सबसे ज्यादा खुश विशाल की 90 वर्षीय दादी हुईं थीं जिन्हें पोते ने अधिकारी बनकर दिखा दिया। विशाल ने बताया कि वह घर में सबसे ज्यादा अपनी दादी के ही चहेते हैं।

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पुजारी का बेटा बना डिप्टी कलेक्टर

 

विशाल सारस्वत बेहद मध्यम परिवार से ताल्लुक रखता है। मूल रूप से हाथरस निवासी विशाल के पिता शिवप्रकाश सारस्वत पांडित्य का कार्य करते हैं। विवाह-शादियां कराने के साथ-साथ शुभ कार्यों में हवन-पूजन कराना उनका मुख्य पेशा है। विशाल कहते हैं कि उनको इस मुकाम तक पहुंचाने में परिवार की सबसे बड़ी भूमिका है। परिवार ने कभी उसे हताश नहीं होने दिया। उनका पसंदीदा विषय अर्थशास्त्र रहा है।

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IAS बनना ही है विशाल का लक्ष्य

 

पीएसएस में यूपी टॉप करने वाले विशाल सारस्वत का सपना IAS अधिकारी बनने का है। उन्होंने साल 2020 की आईएएस मेन्स परीक्षा दी थी लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। वह जब कक्षा आठवीं में थे, तभी से आईएएस अफसर (IAS officer) बनने की ख्वाहिश पाले थे। विशाल इस सफलता से बेहद खुश है, लेकिन वह चाहते हैं कि आईएएस बनकर देश की सेवा में अपना योगदान दें।

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