रात-दिन मेहनत की, पीठ पर बोरे लादे, अपने लोगों के लिए IAS अफसर बना 'मजदूर'; चर्चा में तस्वीर

तिरुअनंतपुरम। कोरोना वायरस से जंग में इस वक्त देश का हर तबका अपनी ओर से कोशिश कर रहा है। लेकिन इस मुश्किल वक्त में स्वास्थ्य, सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाले डॉक्टर, नर्स, कर्मचारियों और अफसरों के काम की जितनी तारीफ की जाए कम है। सोशल मीडिया पर केरल के एक युवा आईएएस की खूब चर्चा है। चर्चा की वजह आईएएस की एक तस्वीर है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2020 5:52 PM IST / Updated: Apr 05 2020, 11:34 PM IST

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रात-दिन मेहनत की, पीठ पर बोरे लादे, अपने लोगों के लिए IAS अफसर बना 'मजदूर'; चर्चा में तस्वीर
तस्वीर में युवा अफसर, पीठ पर बोरी लादकर, अपनी टीम के साथ पैदल नदी पारकर लोगों की जरूरत का सामान ले जाता दिख रहा है। ये अफसर कोई और नहीं पथनमथीट्टा (Pathanamthitta) के युवा कलेक्टर पीबी नूह हैं।
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नूह 2012 बैच के IAS हैं। इस युवा अफसर का जन्म एर्णाकुलम के एक साधारण परिवार में हुआ। नूह और उनके बड़े भाई ने काफी मेहनत की और यूपीएससी के बाद आईएएस अफ़सर के रूप में करियर शुरु किया। नूह के बड़े भाई पीबी सलीम भी बंगाल कैडर के आईएएस हैं।
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पथनमथीट्टा में कोरोना वायरस के 286 पॉज़िटिव केस थे जो अब सिर्फ 13 रह गए हैं। और इसके पीछे नूह के प्रशासनिक प्रबंधन का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। पथनमथीट्टा में मौजूद सबरीमाला मार्च की शुरुआत में देश की पहली ऐसी साइट है जहां दर्शन करने आए इटली से लौटे एक परिवार की वजह से कोरोना (Covid-19) फैल गया था।
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केरल का ये जिला कोरोना वायरस का कभी हॉटस्पॉट था। हालांकि अधिकांश मामलों के खत्म होने के बाद अब इसे हॉटस्पॉट के सरकारी रिकॉर्ड से बाहर कर दिया गया है। यहां कोरोना पर लगभग नियंत्रण कर लिया गया है।
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पथनमथीट्टा केरल का पहला जिला है जिसने कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को ट्रैक करने के लिए फ्लोचार्ट की मदद ली। यह इसलिए किया गया ताकि 29 फरवरी को इटली से लौटे परिवार के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके।
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11 मार्च को नूह के प्रशासन ने एक फ्लोचार्ट Patient Flowchart Covid-19: P1 Cluster रिलीज किया। इसमें इटली से आए परिवार के कोच्चि एयरपोर्ट पर पहुंचने से लेकर हर ट्रैवल का हर ब्यौरा था। इस परिवार के संपर्क में आए कई दोस्त, रिश्तेदार और उनके घरवाले पॉज़िटिव पाए गए।
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कोरोना से इन्फेक्टेड फ्लोचार्ट को ट्रैक करने की कोशिशों का नतीजा यह रहा कि समय रहते संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर इसे ज्यादा फैलने से रोक लिया गया। बात करें केरल की तो फिलहाल राज्य में कोरोना के कुल 314 केस हैं। भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले यहां नए मामलों की संख्या में काफी कमी आई है।
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केरल में नए मामले कम हुए हैं। शुरुआत में यहां भारत के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। लेकिन अब ये राज्य अब चौथे नंबर पर चला गया है। इसमें काफी हद तक पथनमथीट्टा जैसे हॉटस्पॉट को नियंत्रित करना रहा है। इसके पीछे आईएएस नूह और उनकी टीम का बहुत बड़ा हाथ है।
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