खाना पकाने से लेकर झाड़ू पोछा तक पति करता था सारे काम, IAS अफसर बन पत्नी ने बढ़ाई ससुराल की शान
नोएडा. एक लड़की जिसको कभी ये भी नहीं पता था कि सिविल सर्विस का एग्जाम होता क्या है? इसकी परीक्षा कैसे होती है, इसकी तैयारी कैसे की जाती है? लेकिन एक दिन उसके पिता ने उससे कहा, बेटा तुम्हारे अंदर अफसर बनने की काबिलियत है। बस इसी बात पर बेटी ने अफसर बनने की पूरी तैयारी स्टार्ट कर दी। एक दो नहीं बल्कि कई बार लड़की ने प्रयास किया लेकिन यूपीएससी में सफलता नहीं मिली। इस बीच, घरवालों ने शादी भी फिक्स कर दी। कहते हैं, शादी के बाद लड़की की कई जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं। लेकिन महिला की किस्मत में ससुराल की सभी जिम्मेदारियों के साथ अफसर बनने का मौका भगवान ने पहले लिख दिया था। पत्नी के अफसर बनने के ख्वाब को पूरा करने के लिए पति ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। जिद, जुनून और किस्मत देखिए वो महिला आखिरकार अफसर बन ही गई। IAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको एक वर्किंग वुमन, वाइफ और आईएएस बनने वाली काजल ज्वाला के संघर्ष की कहानी बता रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2020 4:54 AM IST / Updated: Feb 25 2020, 03:55 PM IST
मन में कुछ हासिल करने का जुनून और पति का साथ मिले तो शादी के बाद भी लड़कियां कमाल कर जाती हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया मेरठ की रहने वाली काजल ज्वाला ने। उन्होंने अपने सपने को शादी के बाद भी नहीं त्यागा और कड़ी मेहनत से इसे पूरा किया। वहीं इस सफर में उनके पति ने भी बहुत सहयोग किया।
काजल मूल रूप से मेरठ की रहने वाली हैं। काजल ने मथुरा से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में बीटेक किया है। इसके बाद उनकी नौकरी विप्रो में लग गई। उन्होंने 2012 में तैयारी के साथ साथ नौकरी भी शुरू कर दी। काजल के मुताबिक, आईएएस के प्री एग्जाम में लगातार मिल रही असफलता ने उनका हौंसला बढ़ाया।
काजल के मुताबिक, मेरे घरवाले मुझसे कहते थे- अपने भविष्य की तरफ ध्यान दो और अतीत पर दुख न करो। वह मुझसे कहते थे कि तुम पढ़ाई में अच्छी हो और तुम ये कर सकती हो। काजल कहती हैं- शादी मेरे लिए कभी परेशानी नहीं बनीं। मेरे पति बहुत सपोर्टिव हैं। वो घर का सारा काम करते थे। खाना पकाने से लेकर झाड़ू-पोछा तक सब करते थे। मुझे कभी घर के कामों में पड़ने नहीं दिया। बोलते थे- तू सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे। मैं उनके हाथ का बना खाना खाती और पढ़ती थी बस।
काजल ज्वाला 9 साल से मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब कर रही थीं। काजल का सालाना पैकेज 23 लाख रुपए था। हालांकि, काजल ने नौकरी और शादीशुदा जीवन में तालमेल बनाते हुए अपनी तैयारी जारी रखी। वो घर में पैसों की कमी न हो इसलिए नौकरी नहीं छोड़ना चाहती थीं। वो दफ्तर जाते समय कैब में पढ़ाई करती थीं। काम से लौटकर खाना खाने के बाद पढ़ने बैठ जाती थीं। वीकएंड पर काजल पूरा दिन पढ़ती थीं।
अपनी तैयारी के बारे में काजल कहती हैं यूपीएससी का सिलेबस किसी सागर की तरह है। ऐसे में तैयारी के लिए जरूरी है रोजाना न्यूजपेपर पढ़ाना। ये आपको विचार बनाने में भी काफी मदद करता है। काजल के मुताबिक, हर स्टेज के लिए अलग रणनीति बनानी होती है।।
काजल के मुताबिक, मेरे लिए वक्त की कमी सबसे बड़ी चुनौती थी। मेरी शुरुआती असफलता का कारण समय की कमी थी। हालांकि, काजल ने कोचिंग का सहारा नहीं लिया और सेल्फ स्टडी से तैयारी करती रहीं। तीन साल लगातार तैयारी करती रहीं और एग्जाम देती रहीं लेकिन प्री एग्जाम भी नहीं निकला।
काजल बचपन में डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं लेकिन जिंदगी बदली और उन्होंने कड़ी मेहनत से बार-बार असफल होते हुए भी यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने की ठान ली। काजल बताती हैं कि चार अटेंप्ट के बाद भी वह यूपीएससी पास नहीं कर पाईं।
चार बार लगातार यूपीएससी क्रैक ना कर पाने का जब उन्होंने मूल्यांकन किया तो समझ में आया कि इसके पीछे उनकी ही तैयारी में कमी थी। उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा मेहनत शुरू कर दी। UPSC के पांचवे अटेंप्ट में साल 2018 में उन्हें सफलता मिली और उन्हें IAS Main (written) में 1750 में 850 नंबर मिले। वहीं IAS Interview में उन्हें 201 नंबर मिले।
28वीं रैंक के साथ काजल ने आईएएस क्लियर किया और आखिरकार पिता के अफसर बनने के सपने को पूरा करके ही दम लिया। काजल यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा रिवीजन करने के टिप्स देती हैं। उन्होंने कहा, रोजाना अखबार जरूर पढ़ें और अपना ओपेनियन जरूर स्टैब्लिश करें।