शाहिद मानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा के तीनों चरणों के पहले के सात दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन्हीं दिनों में जो रिवीज़न कर लिया वही परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मददगार होता है। इसीलिये वे खुद के नोट्स बनाने पर जोर देते हैं क्योंकि इतने कम समय में केवल अपने नोट्स से ही रिवीज़न संभव होता है। इन्हीं स्ट्रेटजीस और प्रॉपर प्लानिंग के साथ ही पिछली गलतियों से सीखते हुये शाहिद ने अपनी सफलता का मार्ग खोला।
शाहिद का सफर यही सिखाता है कि असफलताओं से निराश होने से कुछ नहीं होता। अपनी कमियों को तलाशकर उन पर काम करें, उन्हें दूर करें और अगली बार और ज्यादा कोशिश करें। अगर आपकी कोशिश ईमानदार होगी तो सफलता जरूर मिलेगी।
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