नमिता शर्मा उन कैंडिडेट्स के लिये बहुत बड़ा उदाहरण हैं जो एक-दो बार असफल होने पर ही हार मान लेते हैं। नमिता ने यूपीएससी परीक्षा में एक दो नहीं बल्कि पूरे पांच बार असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी और तब तक लगी रहीं जब तक सफल नहीं हो गयीं।
हालांकि उनका यह सफर आसान नहीं था, कई बार उन्हें लगा कि बस अब उनसे नहीं होगा, कई बार दूसरे विकल्प भी तलाशे और कई बार तो अपने सपने को ठंडे बस्ते में डालने की भी सोची लेकिन हर बार नयी ताकत के साथ उठ खड़ी हुईं। नमिता को असफलताओं ने झकझोरा जरूर पर परिवार के सहयोग ने उन्हें बहुत हिम्मत दी