अपनी रेग्यूलर क्लासेस के बीच में भी जब सिमी को समय मिलता था तो वे इलेक्ट्रॉनिक नोट्स लेकर कोने में जाकर पढ़ने लगती थी। कुछ नहीं तो ई-पेपर ही देखती थी। उन्होंने अपना फ्रेंड सर्किल बहुत छोटा रखा था और सदा फोकस्ड होकर अपने ध्येय को पाने में लगी रहती थी।
सिमी का दूसरे कैंडिडेड्स से भी यही कहना है कि हर किसी की जर्नी अलग होती है, खुद से कभी किसी को कंपेयर न करें और अपने गोल को लेकर साफ रहें। कड़ी मेहनत और धैर्य से आप भी एक साल में ही यह परीक्षा पास कर सकते हैं।
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