सेल्फ स्टडी को दिया महत्व
विक्रम जो कि क्लास 11वीं में ही यूपीएससी को लक्ष्य बना चुके थे, उन्होंने तभी से एनसीईआरटी की लगभग सभी विषयों की किताबें खरीदकर रखना शुरू कर दिया था। वे किताबें उन्होंने पढ़ी ग्रेजुएशन के भी बाद पर इकट्ठा तभी से करने लगे थे। विक्रम ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई खूब मन लगाकर करी पर इस समय यूपीएससी को किनारे रख दिया।
स्नातक के बाद विक्रम ने जैसा कि प्लान किया था एक साल का ब्रेक लिया और अपने घर कुपवाड़ा जाकर परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। सबसे पहले सालों पहले खरीदी एनसीईआरटी उठाई और कुछ महीने में उनको खत्म कर दिया। इसके बाद दो महीने केवल अपना ऑप्शनल हिस्ट्री पढ़ा।
उन्हें न्यूजपेपर पढ़ने में शुरू में बहुत समय लगता था, इसकी स्पीड बढ़ायी और वन लाइनर नोट्स बनाएं, जिनसे बार-बार रिवाइज़ किया जा सके। विक्रम ने सेल्फ स्टडी पर फोकस किया और कोचिंग से नोट्स आदि ही लिए और सबकुछ ऑनलाइन ही किया। समय बर्बाद न हो इसलिए घर पर ही कंप्यूटर और स्कैनर लगवा लिया। ऑनलाइन स्टडी मैटिरियल, कंप्यूटर, प्रिंटर और स्कैनर यही उनके प्रिपरेशन के साथी रहे।