Success Story: अधिकारी के तेवर देख लड़के ने ठान लिया IAS बनूंगा, दिलचस्प है धीरज के अफसर बनने की कहानी

करियर डेस्क. Success Story: कलेक्टर का रूतबा और सम्मान देख आपने बहुत से लोगों के अफसर बनने की कहानियां सुनी होंगी। कुछ सरकारी नौकरी पाने, सामाजिक प्रतिष्ठा पाने तो कुछ समाज सेवा के लिए सिविल सर्विस में जाना चुनते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने अफसर के रौब को देख IAS बनने की ठान ली। यूपी के गोरखपुर के रहने वाले धीरज कुमार सिंह (IAS Dheeraj Kumar Singh) कभी पेशे से डॉक्टर थे। उनकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जहां उन्होंने अपने जमे हुए करियर को छोड़कर यूपीएससी (UPSC Civil Services) में जाने का फैसला किया। आज धीरज कई लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। लेकिन एक समय उनके साथ अधिकारी ने ऐसी अनदेखी करदी कि वो घटना की वजह से अफसर बन गए। आइए जानते हैं धीरज कुमार के IAS बनने की ये सक्सेज स्टोरी-  

Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2021 8:29 AM IST / Updated: Mar 06 2021, 02:24 PM IST

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Success Story: अधिकारी के तेवर देख लड़के ने ठान लिया IAS बनूंगा, दिलचस्प है धीरज के अफसर बनने की कहानी

UP के रहने वाले धीरज पढ़ाई में काफी होशियार थे और इस वजह से उन्होंने मेडिकल फील्ड में जाने का मन बनाया था। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने एमबीबीएस की एंट्रेंस परीक्षा दी और उसे पास करके बनारस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में एडमिशन ले लिया। उनकी मां गांव में रहती थीं और वह कई बार बीमार हो गईं। धीरज बनारस में अपनी पढ़ाई कर रहे थे और उनके पिता दूसरे शहर में नौकरी करते थे। धीरज ने अपने पिता के अधिकारियों से मिलकर पिता का ट्रांसफर होम टाउन में करने की गुहार लगाई। हालांकि उन अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी।

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इस एक घटना से धीरज इतने परेशान और दुखी हुए कि उन्होंने अफसर बनने की ठान ली। उन्होंने सोचा कि जब एक डॉक्टर की अधिकारी नहीं सुन रहे, तो भला आम आदमी की क्या सुनेंगे। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी में जाने का मन बनाया। इस परीक्षा को पास करने में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। क्योंकि माता-पिता बेटे के लाखों की नौकरी छोड़ पढ़ाई करने की बात पर राजी नहीं थे।

 

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धीरज ने एमबीबीएस के बाद एमडी की डिग्री भी हासिल की थी। डॉक्टरी के पेशे में उनका करियर चमक गया और लाखों के पैकेज वाली नौकरी कर रहे थे। हालांकि पिता के ट्रांसफर की घटना ने उनकी जिंदगी में एक मोड़ ला दिया और उन्होंने यह सब छोड़कर आईएएस अफसर बनने की ठान ली। उनके लिए यह सब काफी आसान नहीं था। उनके पेरेंट्स ने भी उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी, लेकिन धीरज आईएएस बनने की ठान चुके थे।

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उन्होंने मन लगाकर मेहनत की और तैयारी के लिए बेंगलुरु चले गए। यहां तैयारी करने के बाद पहले ही प्रयास में 2019 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। इस तरह डॉक्टर की डिग्री हासिल करने के बाद धीरज कुमार IAS बन गए। धीरज ने सिर्फ एक घटना से दुखी होकर समाज के गरीब तबके की बात सुनने सिविल सेवा चुनीं। इस तरह आज वो लाखों कैंडिडेट्स की प्रेरणा बने।

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लगातार मेहनत करें UPSC कैंडिडेट्स

 

धीरज UPSC Exam की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को लगातार मेहनत करने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि आप किस बैकग्राउंड से यहां आए हैं यह मायने नहीं रखता। आप मन लगाकर और अच्छी रणनीति बनाकर पढ़ाई करेंगे तो आपको यूपीएससी में सफलता जरूर मिलेगी। असफलता से घबराए नहीं और धैर्य रखें। पेपर की तैयारी में कोई कसर न छोड़ें। पेपर से पहले अपनी वीकनेस और स्ट्रैंथ को पहचानिए और उस पर काम करें। All the best!

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