उत्तर. एक औरत की अनिच्छा और असहमति के बावजूद उससे सम्पर्क करने की कोशिश करना, उसे घूरना, उसकी जासूसी करना, बदनीयति से उसका पीछा करना, उसे दिमागी रूप से परेशान करना और उसके मन अवचेतन में भय पैदा करना अपराध है। इसका उल्लेख भारतीय दंड विधान की धारा 354 (डी) में है। पीड़ित महिला राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट पर जाकर भी शिकायत दर्ज करा सकती है। शिकायत का एक रसीद नंबर दिया जाता है। आयोग दस दिन के भीतर शिकायत पर विचार करता है। इसके बाद महिला दोबारा आयोग से संपर्क और परामर्श लेकर पुलिस में शिकायत और अदालती कार्रवाई कर सकती है। उसे शिकायत की रसीद संख्या अपने पास सुरक्षित रखनी होगी।
हेल्पलाइन या दोनों अन्य स्थानों पर शिकायत दर्ज करने पर पीछा करने वाले व्यक्ति को गैर-जमानती धारा में गिरफ्तार किया जाता है। इसमें कम से कम एक या अधिक से अधिक 5 वर्ष की सजा है। यदि स्टॉकिंग का दोषी हत्या, दुष्कर्म या किसी हिंसा का दोषी हो तो विभिन्न धाराओं में और सजा है। दिसंबर 2012 के निर्भया कांड के बाद आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 आया, जिसमें स्टॉकिंग को अपराध में शामिल कर दिया गया। इसके बाद की अवधि में सैकड़ों मामले दर्ज किए गए।