Mother's Day: किसी की मां ने मजदूरी की तो किसी ने बेची चूड़ियां, आज बेटे हैं IAS-IPS अधिकारी

करियर डेस्क. मई महीने के सेकेंड संडे को मदर्स डे (Mother's Day) मनाया जाता है। हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, इंसान कड़ी मेहनत से अपना भविष्य बेहतर बना ही लेता है।  मदर्स डे के मौके पर हम आपको देश के उन टॉप IAS और IPS के बारे में बता रहे हैं जो अक्सर अपने काम करने के अंदाज को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। तो कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो इस कई चुनौतियों का सामना करके इस मुकाम तक पहुंचे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 9, 2021 9:56 AM IST / Updated: May 09 2021, 03:29 PM IST
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Mother's Day: किसी की मां ने मजदूरी की तो किसी ने बेची चूड़ियां, आज बेटे हैं IAS-IPS अधिकारी

नवनीत सिकेरा  (Navniet Sekera) 
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी और यूपी पुलिस के आईजी नवनीत सिकेरा अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। शुरुआती पढ़ाई गांव से होने के कारण अंग्रेजी भाषा पर उनकी पकड़ उतनी मजबूत नहीं थी। कमजोर इंग्लिश के वजह से उन्हें कानपुर के एक कॉलेज का एडमिशन फॉर्म तक नहीं मिल पाया था।  नवनीत सिकेरा को उत्तर प्रदेश का ‘सुपर कॉप’ कहा जाता है।  आईजी (IG) से एडीजी (ADG) बनने पर सबसे पहले उन्होंने अपनी मां को फोन किया था। सिकेरा ने बताया कि- मैंने मां को वीडियो कॉल किया और उनको बताया कि अब मैं ADG बन गया हूं। मां ने तुरंत सैलूट मारा और बोली जय हिन्द साहब।
 

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सुप्रिया साहू
सुप्रिया 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी हैं। नीलगिरि जिले में कलेक्टर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का उन्होंने कैंपेन चलाया था। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के लिए संयुक्त सचिव (एमआईबी) के रूप में काम कर चुकी हैं। 
 

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सुमित कुमार
बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा के रहने वाले सुमित कुमार ने 8 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। वो कक्षा 4 से 12वीं तक घर से दूर ही रहे और पढ़ाई करते रहे। साल 2018 में सुमित घर लौटे तो अफसर बनकर। सुमित कुमार को 2017 की यूपीएससी परीक्षा में 493वीं रैंक मिली थी और डिफेंस कैडर मिला था। उन्होंने दोबारा यूपीएससी परीक्षा दी और साल 2018 में 53वीं रैंक हासिल की। उनकी मां का नाम मीना देवी है।

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रमेश घोलप  (Ramesh Gholap) 
रमेश घोलप का जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के वारसी तहसील स्थित एक छोटा सा गांव महागांव में हुआ था। घर खर्च चलाने के लिए वो मां से साथ चूडियां बेचते थे। संघर्षों का सामना करते हुए 2011 में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास की। उन्होंने 287वीं रैंक हासिल की। रमेश घोलप 4 मई 2012 को अधिकारी बनकर पहली बार उन गलियों में गए थे जहां उनकी मां चूड़ियां बेचा करती थीं।

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डॉ. राजेंद्र भरुड़
कोरोना काल में जब देशभर में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही हैं ऐसे में महाराष्ट्र के नंदुरबार के अस्पतालों में ना मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई में कोई कमी है, ना बेड्स की कोई कमी है, ना आइसोलेशन वार्ड्स की कोई कमी है, बल्कि साथ ही साथ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी पूरी तेजी से चल रहा है। इसका क्रेडिट यहां के लोग कलेक्टर डॉ. राजेंद्र भरुड़ को देते हैं। 
 

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प्रेमसुख डेलू
IPS प्रेमसुख डेलू का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले के छोटे से गांव रासीसर में हुआ। 2015 में यूपीएससी परीक्षा पास की और 170वां रैंक हासिल किया। उनकी पहली पोस्टिंग, गुजरात के साबरकांठा जिले में एएसपी (ASP) के तौर पर हुई।

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साफिन हसन
22 साल की उम्र में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास करने वाले साफिन हसन की मां दूसरों के घर में रोटियां बनाती थीं और पिता मजदूरी करते थे। 2017 में उन्होंने UPSC की परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की थी।

 

क्यों मनाया जाता है मदर्स डे?

मां के सम्मान में हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। वैसे, इस दिन को मनाने को लेकर अलग-अलग किस्से है। वहीं, पूरी दुनिया में मदर्स डे की तारीख को लेकर एक सहमति नहीं है। कहा जाता है कि मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। दरअसल, 1912 में एना जार्विस नाम की अमेरिकी महिला ने अपनी मां के निधन के बाद इस दिन को मनाने की परंपरा की शुरुआत की थी।

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