अखबार बांटने वाले दिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी IAS अफसर, रिश्तेदार कहते थे 'मत पढ़ाओ शादी कर दो'

Published : Jan 19, 2020, 10:51 AM ISTUpdated : Jan 19, 2020, 10:58 AM IST

नई दिल्ली. हमारे समाज में आज भी बेटियां बोझ मानी जाती हैं। ऐसे ही हरियाणा के एक गांव में अखबार बेचने वले शख्स को बेटी की शादी न करने पर ताने सुनने पड़ते थे। रिश्तेदार ताने मारते कि, और कितना पढ़ाओ, कलेक्टर बनाना है क्या इसकी शादी कर दो। पर पिता को बेटी के नेक इरादों के बारे में पता था। वो जानते थे मेरी बिटिया रानी अफसर बनकर दिखाएगी। और आखिरकार घर-घर जाकर अखबार बांटने वाले एक गरीब मजदूर शख्स की बेटी ने अफसर बनकर ही दिखाया। आइए जानते है दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुकी इस जाबांज बेटी की कहानी........। 

PREV
18
अखबार बांटने वाले दिहाड़ी मजदूर की बेटी बनी IAS अफसर, रिश्तेदार कहते थे 'मत पढ़ाओ शादी कर दो'
26 साल की शिवजीत भारती ने हाल में हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा (HCS) पास की है। रिजल्ट घोषित हुए तो मालूम हुआ कि अखबार विक्रेता की बेटी अब अफसर बन गई है। पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। शिवजीत भारती और उनका परिवार हरियाणा के जैसिंहपुरा गांव में रहते हैं।
28
भारती की छोटी बहन पब्‍ल‍िक एडमिनिस्‍ट्रेशन में पोस्‍ट ग्रेजुएशन कर रही हैं और उनका छोटा भाई स्‍पेशल चाइल्‍ड है। परिवार ने गरीबी और सुविधाओं की कमी देखी है। फिर भी बेटी को पढ़ाया और चाहते थे वो कुछ बड़ा कर दिखाए।
38
उनकी बेटी भारती भी जनती थी कम आय में अच्‍छी शिक्षा प्राप्‍त करना चुनौती है। पर भारती ने कड़ी मेहनत कर पढ़ाई की और सरकारी नौकरी का सपना देखा। घर की हालत देख भारती ने न सिर्फ पढ़ाई की बल्कि अपना खर्च निकालने के लिए गांव के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया।
48
भारती ने साल 2015 में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से मैथ्‍स ऑनर्स से पोस्‍ट ग्रेजुएशन किया है। फिर भारती यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगी। इसी बीच उन्‍हें HCS (एग्‍ज‍िक्‍यूटिव) परीक्षा देने का मौका मिला और पहली ही कोशिश में उन्‍होंने यह परीक्षा क्‍वालिफाई ली। भारती कहती हैं कि अब उन्‍हें पूरा यकीन है कि वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भी पास कर सकती हैं। उनका अगला लक्ष्‍य यूपीएससी क्‍ल‍ियर करना है।
58
भारती के अनुसार सफलता के लिये कड़ी मेहनत जरूरी है और इसका दूसरा कोई विकल्‍प नहीं है। उन्‍हें किताबों से प्‍यार है और इसी मोहब्‍बत ने उन्‍हें यह सफलता दिलाई। भारती को किताबें, अखबार, मैग्‍जीन पढ़ना और यूट्यूब पर जानकारी से भरे वीडियोज देखना पसंद है। भारत ने बताया कि परीक्षा की तैयारी में ये सभी चीजें खूब काम आईं।
68
भारती का संघर्ष भी कम नहीं रहा है। पढ़ाई के दौरान ही भारती के माता-पिता ने उन पर शादी का बहुत दबाव बनाया था। आस-पड़ोस, रिश्‍तेदार, भारती के माता-पिता को सुझाव देते थे कि बेटी की जल्‍दी शादी कर दो।
78
भारती के माता-पिता के लिये उनकी शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी थी, इसलिये उन्‍होंने, रिश्‍तेदारों की बातों को अनसुना कर बेटी की पढ़ाई जारी रखी। बेटी ने भी पिता के भरोसो को कायम रखा और साबित कर दिया कि अगर इच्‍छाशक्‍त‍ि हो तो छोटे से गांव में रहकर भी काफी कुछ हासिल किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
88
मीडिया से बात करते हुए अफसर बनी भारती ने कहा कि वो अपनी कामयाबी को सिर पर चढ़ने नहीं देंगी। देश और समाज सेवा के लिए जीवन भर काम करेंगी। वहीं बेटी की कामयाबी पर पिता ने कहा कि मुझे अपनी बेटियों पर गर्व है और उनकी कामयाबी देखकर मैं नौवें आसमान पर हूं। भारती के पिता ने बताया कि जमीन विवाद को लेकर उन्‍हें सरकारी दफ्तरों के काफी चक्‍कर काटने पड़े थे अब मेरी बेटी ही अफसर बन गई है। (फाइल फोटो)

Recommended Stories