तुलसी गौड़ा
कर्नाटक के होनाली गांव की रहने वाली हैं तुलसी गौड़ा कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन उन्हें पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों का उन्हें ऐसा ज्ञान है कि उन्हें 'इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' कहा जाता है। तुलसी गौड़ा पिछले 6 दशकों से पर्यावरण संरक्षण के काम में जुटी हुई हैं। पेड़-पौधों से तुलसी गौड़ा का रिश्ता दशकों पुराना है। उन्हें पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया है।