"पापा का शुरू से ही सपना था कि उनका अपना भी घर हो तो अच्छा है। लेकिन अहम चारों भाई बहन की पढ़ाई के आगे उन्होंने कभी अपने सपनो को हकीकत में बदलने की कोशिश ही नहीं की। वह पुलिस में थे इसलिए हमारे साथ कम ही रह पाते थे। लेकिन वह जब भी घर आते थे हम लोगों का हौसला बढ़ाते थे। मेरे दिल को शुरू से ये बात कोसती रहती थी कि मेरे पापा ने हम लोगों के लिए कितना त्याग और संघर्ष किया है।"